नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) आज दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में एक कठिन कानूनी कार्यक्रम से निपटने के लिए तैयार है, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित चार प्रमुख नेताओं से जुड़े मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं। तीन नेता - अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और संजय सिंह - शराब घोटाला मामले मामले में अदालत के सामने शारीरिक रूप से पेश हो सकते हैं, जबकि आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपी सत्येन्द्र जैन के वस्तुतः पेश होने की संभावना है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जारी किए गए कई समन को नजरअंदाज करने के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को 17 फरवरी के लिए तलब किया था। अदालत ने कहा कि अरविंद केजरीवाल कानूनी समन का पालन करने के लिए "कानूनी रूप से बाध्य" हैं। वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की अदालत में पेश होना है। उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि आज समाप्त होने के कारण वह पेश होंगे। मनीष सिसौदिया की नियमित जमानत की मांग वाली याचिका पर भी अदालत सुनवाई करेगी। सिसोदिया, जिन्हें पहले सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था, ने कथित घोटाले को लेकर CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामलों में जमानत के लिए आवेदन किया है। वरिष्ठ AAP नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह, जो उत्पाद शुल्क नीति मामले से जुड़ी मनी-लॉन्ड्रिंग जांच में भी आरोपी हैं, को राउज़ एवेन्यू अदालत में पेश किया जाना है। उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि भी शनिवार को समाप्त हो रही है। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में भी सत्येन्द्र जैन के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति मामले की सुनवाई होनी है। CBI ने अपने मामले में जैन पर आय से अधिक 1।47 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया है। उधर केजरीवाल आज अपनी ही सरकार को वापस से साबित करने के लिए अपने ही मन से विश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं। दरअसल, उन्होंने आरोप लगाया था कि, भाजपा उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। जिसके बाद भाजपा ने शिकायत दर्ज कराई थी और दिल्ली पुलिस सीएम केजरीवाल से सबूत मांगने पहुंची थी कि कौन से भाजपा नेताओं ने उनसे संपर्क किया और किन AAP विधायकों को खरीदने की कोशिश हुई। हालाँकि, पहले तो AAP नेताओं ने पुलिस का नोटिस ही नहीं लिया और फिर उन्हें कोई जवाब नहीं दिया। अब जब, आज यानी 17 फ़रवरी को कोर्ट ने शराब घोटाले में केजरीवाल को कोर्ट तलब किया है, तो उन्होंने विधानसभा में अपनी ही सरकार का फ्लोर टेस्ट करने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि, दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में केजरीवाल के पास 62 विधायक हैं, मतलब उनकी सरकार पहले ही काफी मजबूत स्थिति में है, ऐसे में विश्वास मत रखने का कोई औचित्य ही नहीं बनता। वो भी केजरीवाल ने उस दिन विधानसभा में ये विश्वास मत रखा है, जिस दिन कोर्ट ने उन्हें शराब घोटाले में तलब किया है। ऐसे में ये भी देखने लायक होगा कि, केजरीवाल आज कोर्ट के सामने भी पेश होते हैं या नहीं, क्योंकि ED के 5 समन को तो वो ऐसे ही नकार चुके हैं। 'जो लोग काम करते हैं, उन पर आरोप लगना तय है', आखिर क्यों ऐसा बोले अजित पवार? नहीं रहे लोंगेवाला के टाइगर, 1971 में पाकिस्तान को धूल चटाने वाले एयर मार्शल मोहिंदर सिंह बावा का दुखद निधन दलित आयोग ने की बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग ! संदेशखाली में SC महिलाओं के उत्पीड़न का मामला