नई दिल्ली: देश की राजधानी में उपराज्यपाल को अधिक शक्तियां देने वाला बिल कल राज्यसभा से भी पारित हो गया. अब दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक यानी GNCT बिल को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने का मन बना लिया है. दिल्ली सरकार जल्द ही शीर्ष अदालत में बिल के खिलाफ याचिका दाखिल करेगी. GNCT बिल को विपक्ष के भारी विरोध के बीच स्वीकृति प्रदान कर दी गई, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल की कुछ भूमिकाओं और अधिकारों को परिभाषित किया गया है. कांग्रेस नीत विपक्षी पार्टियों ने विधेयक का विरोध करते हुए इसे संविधान के खिलाफ करार दिया और विस्तृत चर्चा के लिए इसे प्रवर समिति में भेजने की मांग की थी. किन्तु गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि संविधान के मुताबिक, सीमित अधिकारों वाली दिल्ली, विधानसभा से युक्त एक केंद्रशासित राज्य है. सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने फैसले में कहा है कि यह केंद्रशासित राज्य है और विधेयक के सभी संशोधन अदालत के फैसले के अनुरूप हैं. बिल के राज्यसभा में पास होने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए 'दुखद दिन' है. उन्होंने आगे कहा कि वह लोगों को सत्ता दोबारा सौंपने के लिए संघर्ष करते रहेंगे. संसद ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, (GNCTD) 2021 पारित कर दिया जिससे उप राज्यपाल को और अधिक अधिकार प्राप्त हो गए हैं. बंगाल चुनाव: ममता पर योगी का सीधा वार, बोले- अब तो भगवा रंग से भी घबराने लगी हैं 'दीदी' श्रीलंका में 29 मार्च से खुलेंगे सभी स्कूल बंगाल चुनाव: भाजपा पर बरसीं ममता बनर्जी, कहा- हम BJP की तरह दंगा पार्टी नहीं