नई दिल्ली : पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर और पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू का आम आदमी पार्टी में शामिल होना खटाई में पड़ गया है। दरअसल आम आदमी पार्टी ने अप्रत्यक्षतौर पर सिद्धू की मांग को नकार दिया है। सिद्धू ने पार्टी के सामने पंजाब की गद्दी की मांग की थी। जिसे आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नकार दिया था। मगर भाजपा छोड़ चुके और आम आदमी पार्टी में शामल होने की संभावनाओं के कमजोर हो जाने के बाद अब कांग्रेस ने सिद्धू के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। मगर कांग्रेस भी उन्हें चुनाव जीतने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहती। कांग्रेस का मानना है कि सिद्धू को करीब 2 से 3 वर्ष बाद उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। ऐसे में अब फिर उहापोह की स्थिति बन गई है कि सिद्धू कौन सी पार्टी में शामिल होंगे। दूसरी ओर सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर को भी आप में शामिल होकर उन्हें टिकट दिए जाने की मांग की थी। माना जा रहा है कि उनकी पत्नी नवजोत कौर आप में शामिल हो सकती हैं। माना जा रहा है कि सिद्धू को कांग्रेस अमृतसर की लोकसभा सीट दे सकती है। यहां से सिद्धू भाजपा के सांसद थे। मगर केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली के लिए उन्हें यह सीट छोड़ना पड़ी। हालांकि आप नेता आशुतोष का कहना है कि आप के दरवाजे ईमानदार नेताओं के लिए हमेशा खुले हुए हैं। हालांकि राजनीतिकतौर पर यह भी कहा जा रहा है कि सिद्धू ने भाजपा का दामन नहीं छोड़ा है। यही बात आप नेता आशुतोष ने भी कही है। दूसरी ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि सिद्धू ने आम आदमी पार्टी में शामिल होने के लिए कोई शर्त नहीं रखी है। केजरीवाल ने इस मामले में कई ट्विट किए और कहा कि सिद्धू के आप से जुड़ने को लेकर कई तरह की अफवाहें चल रही हैं। मगर सिद्धू ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं या नहीं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में ट्वीट किया कि नवजोत सिंह सिद्धू के आप में शामिल होने को लेकर अफवाहें चल रही हैं। आप का पक्ष रखना हमारी जिम्मेदारी है। सिद्धू ने किसी भी तरह की शर्त नहीं र खी। इस बात का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू अच्छे इंसान और अच्छे क्रिकेटर हैं उनके प्रति सम्मान सदैव रहेगा।