ढाका: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद भी देश में इस्लामी कट्टरपंथियों की हिंसा जारी है, जो सवाल खड़े करता है कि क्या ये प्रदर्शन सिर्फ सरकार विरोधी था। क्योंकि यदि ऐसा था, तो सरकार गिरने के बाद ये रुक जाना था। खासकर तब, जब पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ही देश छोड़कर जा चुकी हैं। लेकिन, अब वहां के विभिन्न शहरों में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। इस्लामी कट्टरपंथी हिंदुओं के घरों, दुकानों, और मंदिरों को नष्ट कर रहे हैं। कई जगहों से हिंदू घरों में लूटपाट और हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं। वहीं, भारत में बैठे इस्लामी संगठनों द्वारा इन घटनाओं को छुपाने के प्रयास भी हो रहे हैं। मोहम्मद जुबैर नामक कथित फैक्ट चेकर सोशल मीडिया पर दावा कर रहा है कि बांग्लादेश में मुसलमान हिंदू मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं और हमलों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, बांग्लादेशी मीडिया खुद जुबैर के इन दावों की धज्जियाँ उड़ा रहा है। बांग्लादेश की प्रमुख समाचार वेबसाइट द डेली स्टार के अनुसार, 5 अगस्त, 2024 को देश में कम से कम 27 जगहों पर हिंदुओं पर हमले हुए। उनके दुकान, मंदिर और घरों को नष्ट किया गया। एक हिंदू पार्षद और एक हिंदू पत्रकार की हत्या कर दी गई। महिलाओं को अगवा कर लिया गया और उनपर अत्याचार हुए। बांग्लादेश के कालीगंज में 4 हिंदुओं के घर लूटे गए और तोड़फोड़ की गई। लालमोनिरहाट में भी कई हिंदुओं की दुकानों और मकानों पर हमले हुए। हतिबंधा में हिंदुओं के 12 घरों को आग के हवाले कर दिया गया। दिनाजपुर में भी हिंदुओं के कई मकान तोड़े गए और मंदिरों पर हमला हुआ। बांग्लादेश के बड़े तटीय शहर खुलना में भी हिंदुओं के घरों में लूटपाट और तोड़फोड़ की गई। खुलना में इस्कॉन मंदिर को भी जला दिया गया और यहाँ रखी मूर्तियों को तोड़ दिया गया। इस्लामी कट्टरपंथियों ने इस मंदिर में छुपे हुए हिंदू समुदाय के लोगों पर हमला किया। इसके अलावा मौलवी बाजार में भी काली मंदिर पर हमला किया गया और इसे आग लगा दी गई। ट्विटर पर एक वीडियो में दावा किया गया कि एक हिंदू व्यक्ति को इस्लामी कट्टरपंथियों ने जीवित जला दिया। ठाकुरगांव में भी हिंदू महिलाओं को निशाना बनाया गया और मंदिर तोड़े गए। बांग्लादेश में जुलाई महीने से ही आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर प्रदर्शन चल रहे थे। इन प्रदर्शनों को इस्लामी कट्टरपंथियों ने हाइजैक कर लिया और इसके बाद भारी हिंसा हुई। यह हिंसा अगस्त में और बढ़ गई और प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा। 5 अगस्त, 2024 को शेख हसीना ढाका छोड़कर भारत आ गईं। वर्तमान में वह भारत में हैं और कुछ दिन यहां रहकर ब्रिटेन जाने की योजना बना रही हैं। 'इससे भ्रष्टाचार ख़त्म होगा..', वक्फ बोर्ड में बदलाव का सूफी संगठन ने किया स्वागत, मुस्लिम राजनेता कर रहे विरोध अखिल भारतीय सूफी परिषद से केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने की मुलाक़ात, इन मुद्दों पर हुई बात क्या भारत में भी बांग्लादेश जैसी स्थिति चाह रहे संजय राउत ? देखें शिवसेना सांसद का बयान