नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा पर सियासी पारा चढ़ता ही जा रही है। सियासी दलों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो चुका है और बयानबाजी भी जारी है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से सवाल किया है कि 'यदि 20 करोड़ लोगों (मुस्लिमों का) का एक छोटा सा भी हिस्सा कट्टारपंथी हो जाता है और जवाबी हिंसा को अपना लेता है, तो क्या भारतीय राज्य सुरक्षा चुनौती से निपटने में सक्षम होगा?' हैदराबाद से लोकसभा सांसद ओवैसी ने सवाल किया है कि, 'क्या सरकार को हमें सुरक्षित रखने में सक्षम बनाने के लिए और ज्यादा लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं का त्याग करना होगा?' बता दें कि इससे पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि, 'भाजपा ने गरीबों के खिलाफ युद्ध शुरू कर दिया है। अतिक्रमण के नाम पर यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह राजधानी दिल्ली में घर तोड़ने जा रही है। असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि 'घर तोड़ने से पहले कोई नोटिस नहीं, ना अदालत जाने का मौका, बस गरीब मुसलमानों को जिंदा रहने की हिम्मत के लिए सजा दिया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल को अपनी संदिग्ध भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए।' 'भगवंत मान को आगाह कर रहा हूँ...', घर पहुंची पंजाब पुलिस तो भड़क पड़े कुमार विश्वास 'दंगे की राजनीति कर रही भाजपा...', दिल्ली हिंसा पर संजय राउत ने दिया बड़ा बयान पूर्व भाजपा MLA बृजेश प्रजापति के घर पर चलेगा योगी का बुलडोज़र, कोर्ट ने दी 15 दिन की मोहलत