नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनावों में AIMIM के दमदार प्रदर्शन के बाद पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी बेहद उत्साहित थे. जिसके बाद उन्होंने बंगाल से लेकर यूपी तक चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था. प्रारंभिक दौर में बंगाल के चुनाव को लेकर काफी कुछ बोलने वाले ओवैसी अब बंगाल के सियासी रण से नदारद होते नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं ओवैसी की पार्टी AIMIM के बंगाल संयोजक सैयद ज़मीरुल हसन ने उनसे अलग रास्ता अपना लिया है. बताया जा रहा है कि जनवरी में जब ओवैसी, फुरफरा शरीफ जाकर पीरजादा अब्बास सिद्दीकी से मिले थे, उसी के बाद से हसन नाराज चल रहे थे. इस मुद्दे पर हसन ने एक निजी विमान से बातचीत करते हुए कहा कि, "हमने AIMIM 2015 में ज्वाइन किया था. हमने काफी मेहनत करके बंगाल के 20 जिलों में इस पार्टी को फैलाया. इस बात का प्रमाण आप इसी बात से ले सकते हैं कि भारत के किसी भी सीएम ने AIMIM के खिलाफ सीधा मोर्चा नहीं खोला किन्तु यहां ममता बनर्जी ने खुद AIMIM के खिलाफ मोर्चा लिया. हमारे कई लोग अरेस्ट हुए. मैं भी गिरफ्तार हुआ था." सैयद ज़मीरुल हसन ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि हम लोगों ने उसके बाद महसूस किया कि ओवैसी साहब हम लोगों को कोई वैल्यू नहीं दे रहे हैं. इतने लोग गिरफ्तार हुए लेकिन उन्होंने एक भी प्रेस वार्ता नहीं की. वो हर दिन 8 से 10 बार प्रेस से मुखातिब होते हैं. रोज़ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं, हमेशा मीडिया में रहते हैं. किन्तु उनको इतना समय नहीं मिला कि जो लोग उनके लिए यहां काम कर रहे हैं, गिरफ्तार हो रहे हैं, उनके लिए कुछ बोलते. जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व नींद दिवस? UN ने लेबनान में सरकार के शीघ्र गठन का आग्रह नासा का नेतृत्व करने के लिए फ्लोरिडा के पूर्व सीनेटर बिल नेल्सन को किया जा सकता है नामित