हैदराबादः एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के मॉब-लिचिंग पर दिए बयान को लेकर निशाना साधा है। दरअसल संघ प्रमुख भागवत ने नागपुर के रेशिमबाग मैदान में विजयादशमी समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि लिंचिंग की उत्पत्ति पश्चिमी देशों में हुई है। इसे भारत पर नहीं थोपा जाना चाहिए। ये भारत को बदनाम करने की साजिश है। भारत छोड़ में इतनी विविधताओं के बाद भी लोग एक साथ शांति से रहते हैं। उन्होंने कहा था कि शब्द 'लिंचिंग' भारतीय लोकाचार से उत्पन्न नहीं हुआ है, बल्कि एक अलग धार्मिक पाठ से आता है। उनके इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम, दलित और यहां तक कि हिंदू भी देश की भीड़तंत्र द्वारा रची गई घटनाओं के शिकार हुए हैं। उन्होंने पूछा, 'क्या ये घटनाएं मॉब लिंचिंग नहीं हैं'। इसके अलावा हैदराबाद के सांसद ओवैसी द्वारा मॉब लिंचिंग के अपराधियों को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे से प्रेरित बताया। ओवैसी ने इस दौरान तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद नई दिल्ली में हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि तब भी मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई थीं। ओवैसी यहां मध्य महाराष्ट्र में कल्याणराव घुगरे स्टेडियम में एआईएमआईएम उम्मीदवार इकबाल पाशा के समर्थन में एक चुनावी रैली में बोल रहे थे। उन्होंने संघ के हिंदू राष्ट्र वाले बयान की भी जमकर आलोचना की । एमपी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सिंधिया कर रहे हैं इस रणनीति पर काम चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग करने वाले है भारत दौरा, पाकिस्तान की बढ़ सकती है मुश्किल CBI भ्रष्टाचार मामला : दिल्ली हाई कोर्ट ने अपनाया सख्त रूख, इतने समय में करें जांच पूरी