हैदराबाद: देश में लगातार बढ़ रही जनसँख्या को लेकर इन दिनों बहस छिड़ी हुई है और एक तबके की ओर से इस पर नियंत्रण के लिए कानून बनाए जाने की मांग उठाई जा रही है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जनसँख्या को लेकर बड़ा बयान दिया है। AIMIM चीफ का कहना है कि वह ऐसे किसी भी कानून के समर्थन नहीं करेंगे, जिसमें दो बच्चे पैदा करने की सीमा निर्धारित कर दी जाए। ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि, 'हमें चीन की गलती नहीं दोहरानी चाहिए। मैं ऐसे किसी कानून का समर्थन नहीं करूंगा, जिसमें दो बच्चों की नीति बनाने की बात कही गई हो। इससे देश को कोई लाभ नहीं होगा।' बता दें कि, इससे पहले ओवैसी ने कहा था कि आबादी में वृद्धि के लिए मुस्लिमों को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए। ओवैसी ने दावा किया था कि मुस्लिम समुदाय गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करने में सबसे आगे रहा है। हालाँकि, ओवैसी ने जो दावा किया है, NFHS-5 (National Family Health Survey) की रिपोर्ट इसके ठीक उलट आंकड़े पेश करती है। रिपोर्ट के अनुसार,देश में 15-49 वर्ष की महिलाओं द्वारा गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल किए जाने का राष्ट्रीय औसत 66.7 फीसद है। लेकिन देश के मुसलमानों में ये औसत 60.3 फीसद है, जो कि समुदाय के आधार पर सबसे कम है। इतना ही नहीं ये देश के अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के मुकाबले भी ये आकंड़ा काफी कम है। दिल्ली: ख़त्म हो गया कार्यकाल.., लेकिन अब भी सरकारी लैपटॉप नहीं लौटा रहे पार्षद किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान सरकार का बड़ा तोहफा, इस राज्य में 5 रुपये घटे पेट्रोल के दाम