जोधपुर। एक नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे आसाराम को कोर्ट से एक और झटका लगा है। जोधपुर जिला पैरोल कमेटी ने आसाराम की पेरोल की अर्जी को खारिज कर दिया। अब आसाराम का जेल से बाहर आने का सपना टूट गया है। आसाराम ने 20 दिन की पेरोल के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसे समिति ने नामंजूर कर दिया। पाकिस्तान के प्राइवेट स्कूल प्रिंसिपल को यौन शोषण के आरोप में मिली 105 साल की सजा खबरों के अनुसार, यह अर्जी आसाराम के भांजे रमेश ने दाखिल की थी। अर्जी में कहा गया था कि 25 अप्रैल 2018 को आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। आसाराम अब तक पांच साल की सजा काट चुके हैं, इसलिए अब आसाराम को पहली पेरोल दी जा सकती है। यह अर्जी सेंट्रल जेल के जरिए कमेटी में लगाई गई थी, जिसे कमेटी ने खारिज कर दिया है। इससे पहले भी आसाराम ने पैरोल की अर्जी लगाई थी, जिस पर जेल ने कोई फैसला नहीं लिया था। हालांकि अभी कुछ दिन पहले ही आसाराम को एससी एसटी मामले में जमानत दी गई थी। राजस्थान चुनाव: बहुजन समाज पार्टी ने जारी की उम्मीदवारों की पहली लिस्ट गौरतलब है कि बलात्कार के मामले में आसाराम को मृत्यु तक कारावास की सजा सुनाई गई थी। तब से ही आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है। बता दें कि उसे 31 अगस्त 2013 को जोधपुर पुलिस ने इंदौर आश्रम से गिरफ्तार किया था। खबरें और भी यौन उत्पीड़न मामले में सजा काट रहे आसाराम की याचिका पर सुनवाई आज मुजफ्फरपुर मामला: शीर्ष अदालत ने लगाई बिहार सरकार को लताड़, पूछा मंजू वर्मा क्यों नहीं हुई गिरफ्तार यूपी के पूर्व मंत्री नवाब कौकब हमीद का निधन