सवर्ण आरक्षण के विरोध में उतरे ओवैसी, कहा संविधान नहीं देता इसकी अनुमति

हैदराबाद: मोदी सरकार द्वारा सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के ऐलान को कुछ ही समय हुआ है और इसका विरोध होना भी शुरू हो गया है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि आरक्षण सिर्फ दलितों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को ठीक करने के लिए है

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ओवैसी ने कहा है कि गरीबी मिटाने के लिए कोई भी कई योजनाएं शुरू हो सकती है, लेकिन आरक्षण व्यवस्था न्याय देने के लिए है. संविधान आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण की इजाजत नहीं देता है. उल्लेखनीय है कि ओवैसी का यह बयान उस वक़्त आया है जब मोदी कैबिनेट ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण का ऐलान किया है.

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मोदी सरकार मंगलवार को आरक्षण के सम्बन्ध में सदन में संविधान संशोधन विधेयक भी ला सकती है. यह आरक्षण वर्तमान के 50 प्रतिशत आरक्षण से भिन्न होगा.  सामान्य वर्ग को वर्तमान में किसी तरह काआरक्षण नहीं मिला हुआ है. एक सूत्र ने कहा है कि, ''आरक्षण आर्थिक रूप से कमज़ोर ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा जिन्हें अभी तक आरक्षण का फायदा नहीं मिला है.'' साथ ही केंद्र सरकार ने इसके लिए नियम भी तय किए हैं, उन मानकों के आधार पर ही आरक्षण का लाभ दिया जाएगा.

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