जयपुर: राजस्थान में सचिन पायलट सीएम बनते हैं, तो भी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर अशोक गहलोत उन्हें (पायलट को) मनमानी नहीं करने देंगे। कांग्रेस हाईकमान पायलट को फ्री हैंड देने के मूड में नहीं है। सचिन पायलट पर लगाम रखने के लिए अशोक गहलोत दो डिप्टी सीएम बनाने का दांव चल सकते हैं। बता दें कि, पहले भी 25 जनवरी 2003 में गहलोत ऐसा ही दांव खेल चुके हैं। उस समय उन्होंने कमला बेनीवाल और बनवारी लाल बैरवा को डिप्टी सीएम बनाया था। ऐसे में अब अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि गहलोत अपने दो वफादार मंत्रियों को डिप्टी सीएम बनाने का इस बार भी दांव खेल सकते हैं। बताया जा रहा है कि यदि अशोक गहलोत का ये प्लान सफल हो जाता है, सीएम बनने के बाद भी सचिन पायलट का रिमोट गहलोत के हाथ में होगा। बता दें कि राजस्थान में उपमुख्यमंत्री बनाने की परंपरा भाजपा ने शुरू की थी। भैरोसिंह शेखावत ने हरिशंकर भाभड़ा को पहली बार उपमुख्यमंत्री बनाया था। इसके बाद सीएम गहलोत ने 2003 में दो डिप्टी सीएम बनाए। 2018 में सीएम गहलोत ने सचिन पायलट को डिप्टी सीएम नियुक्त किया था। फिलहाल, मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सचिन पायलट का नाम सबसे आगे है। कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव होने के बाद ही पूरी तस्वीर स्पष्ट हो पाएगी। सियासी पंडियों का मानना है कि पायलट को फ्री हैंड न मिले, इसके लिए कांग्रेस राजस्थान में दो डिप्टी सीएम बना सकती हैं। पूर्वी राजस्थान में SC-ST वोट बैंक को साधने के लिए सीएम गहलोत अपने वफादार PWD मंत्री भजनलाल जाटव और स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना में से किसी एक को उपमुख्यमंत्री बना सकते हैं। बता दें कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान को 39 सीट मिली थी। जबकि भाजपा को शोभारानी कुशवाह के तौर पर धौलपुर से एक सीट मिली थी। दूसरे उपमुख्यमंत्री की रेस में बीडी कल्ला और शांति धारीवाल में से किसी का नाम आगे कर सकेत हैं। झूठी मेडिकल रिपोर्ट दिखाकर जमानत लेने की फ़िराक में थे 'कट्टर ईमानदार' सत्येंद्र जैन, ED ने दबोचा 'मेरे आने से लालू-नीतीश के पेट में दर्द हो रहा है', बिहार में गरजे अमित शाह मुस्लिम नेता द्वारा संघ प्रमुख मोहन भागवत को 'राष्ट्रपिता' कहने पर भडकीं मायावती, कही ये बात