जयपुर: 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की पहली लिस्ट में जोधपुर लोकसभा सीट से सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को उम्मीदवार बनाने से राजस्थान में सियासत के नए दौर की शुरुआत हुई है. देश की सियासत में ऐसे बहुत कम देखने को मिलता हैं जब किसी राज्य में मौजूदा और पूर्व सीएम के पुत्र चुनावी मैदान में हो. 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत कुमार झालावाड़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है और वे निरंतर चुनाव जीत कर खुद की राजनीतिक क्षमता को सिद्ध भी कर चुके हैं. इस बार वैभव गहलोत कांग्रेस संगठन में महासचिव बनने के बाद जोधपुर से चिनाव लड़ेंगे. बताया जाता है कि वैभव कभी भी पिता अशोक गहलोत की छवि से बाहर नहीं आ पाए. इसमें कहीं कोई दो राय नहीं है कि जोधपुर लोकसभा सीट से उन्हें मौका मिलना उनके पिता की वजह से ही संभव हो पाया है. किन्तु ये भी सत्य है कि आगे की सियासत में उन्हें अपना स्थान खुद बनाना होगा . दरअसल राजस्थान की सियासत में 45 वर्ष का सफर कर चुके अशोक गहलोत गैर राजनीतिक परिवार से संबंध रखते थे और पार्टी के साधारण कार्यकर्ता से लेकर केंद्र में मंत्री और तीन बार सीएम तक का सफर उन्होंने अपनी मेहनत लगन और अनूठी कार्य शैली के दम पर प्राप्त किया है. राजस्थान की राजनीति में उन्हें जननायक का दर्जा मिला हुआ है, किन्तु वैभव गहलोत के लिए इस विशाल वटवृक्ष के नीचे रह कर अपना स्थान बनाना इतना सरल नहीं हो पाएगा. खबरें और भी:- लोकसभा चुनाव: पीएम मोदी बोले, जनता के पैसे पर पंजा नहीं पड़ने दूंगा पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेगा सेना का पूर्व जवान, कहा - मैं असली चौकीदार मेट्रो से सफर कर भाजपा आईटी सेल की वॉलेंटियर्स मीट में पहुंचीं निर्मला सीतारमन