नए पंजाब प्रधान को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी कमर कस ली है. भाजपा ने इस चुनाव को लेकर अपनी सारी तैयारी पूरी कर ली है. बता दे कि भारतीय जनता पार्टी में नए पंजाब प्रधान को लेकर चुनाव की अब मात्र औपचारिकता ही बची है. 17 जनवरी को चुनाव प्रक्रिया जालंधर में तय कार्यक्रम के मुताबिक होगी, लेकिन बताया जा रहा है कि पूर्व प्रदेश प्रधान अश्विनी शर्मा को फिर प्रधान बनाने के लिए पार्टी में सहमति बन गई है. कहा जा रहा है कि उनके नाम पर सहमति बनाने में पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन मोहन मित्तल ने अहम भूमिका निभाई है. पीएम मोदी करेंगे जंगमबाड़ी का दौरा, इस दिन वीर शैव महाकुंभ में शामिल होंगे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि शर्मा ने 2010 से 2012 के दौरान प्रदेश प्रधान की कमान संभाली थी. 2012 के विधानसभा चुनाव में जब यह लग रहा था कि पंजाब में दोबारा शिअद-भाजपा की सरकार नहीं बन पाएगी तब भाजपा ने शर्मा के नेतृत्व में अपने हिस्‍से की 23 में से 12 सीटें जीतकर सबको हैरान कर दिया. यही नहीं, पंजाब में शिअद-भाजपा गठबंधन ने इतिहास रच दिया. भाजपा की 12 सीटों के दम पर गठबंधन की दोबारा सरकार बनी थी. इसी चुनाव में शर्मा भी विधायक बने थे. बीजेपी 16 जनवरी को कर सकती है प्रत्याशियों की पहली सूची अगर आपको नही पता तो बता दे कि प्रदेश प्रधान को लेकर अश्विनी शर्मा और पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया के बीच कांटे की टक्कर थी. तरुण चुघ भी दावेदारी जता रहे थे. पार्टी में एक राय नहीं बन पा रही थी. जिसके बाद मित्तल ने शर्मा के नाम पर लॉबिंग की.पार्टी सूत्र बताते हैं कि मित्तल प्रदेश के संगठन महामंत्री दिनेश कुमार और प्रदेश प्रभारी प्रभात झा को सहमत करने में कामयाब रहे. मौजूदा प्रदेश प्रधान श्वेत मलिक के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि वह एक पारी और खेलना चाह रहे थे. बताया जाता है कि पार्टी में उनके नाम को लेकर कोई सहमति नहीं बनी. त्यौहारी भोज पर तय होगा बिहार का चुनावी भविष्य, नारायण सिंह ने सभी दिग्गज नेताओं को बुलावा भेजा मायावती ने जनकल्याणकारी दिवस पर भाजपा को घेरा, कहा-अर्थव्यवस्था खराब हो गई है, तनाव और भय.... नीतीश कुमार का चुनाव प्लान धराशाही, नया सीएम को लेकर बड़ा पेच फंसा