नई दिल्ली: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अदालत में अपने हलफनामे में बताया है कि संभल जामा मस्जिद में उनकी टीम को लंबे समय से प्रवेश करने से रोका जा रहा है। ASI के अनुसार, यह मस्जिद 1920 से उनके संरक्षण में है, लेकिन मस्जिद में प्रवेश नहीं मिलने के कारण इसके वर्तमान स्वरूप और अंदर हुए बदलावों की जानकारी उनके पास नहीं है। ASI ने बताया कि जब भी उनकी टीम मस्जिद का निरीक्षण करने गई, स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई और आगे बढ़ने से रोक दिया। सबसे हालिया निरीक्षण जून 2023 में पुलिस और प्रशासन की मदद से हुआ, जिसमें मस्जिद में हुए अवैध निर्माण देखे गए। ASI के अनुसार, मस्जिद परिसर में 1958 के पुरातत्व संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन हुआ है। मस्जिद के मुख्य इमारत में कई बदलाव देखे गए हैं। सीढ़ियों के पास स्टील की रेलिंग लगाई गई है, जिसका निर्माण अवैध रूप से 2018 में हुआ था। इसके खिलाफ FIR और नोटिस जारी किए गए, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई। मस्जिद के अंदर पुराने पत्थर की जगह नई फ्लोरिंग कर दी गई है, और मुख्य संरचना को प्लास्टर और पेंट से बदल दिया गया है, जिससे इसका मूल स्वरूप नष्ट हो गया है। मस्जिद के केंद्र में स्थित हौज काभारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अदालत में अपने हलफनामे में बताया है कि संभल जामा मस्जिद में उनकी टीम को लंबे समय से प्रवेश करने से रोका जा रहा है। ASI के अनुसार, यह मस्जिद 1920 से उनके संरक्षण में है, लेकिन मस्जिद में प्रवेश नहीं मिलने के कारण इसके वर्तमान स्वरूप और अंदर हुए बदलावों की जानकारी उनके पास नहीं है। ASI ने बताया कि जब भी उनकी टीम मस्जिद का निरीक्षण करने गई, स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई और आगे बढ़ने से रोक दिया। सबसे हालिया निरीक्षण जून 2023 में पुलिस और प्रशासन की मदद से हुआ, जिसमें मस्जिद में हुए अवैध निर्माण देखे गए। ASI के अनुसार, मस्जिद परिसर में 1958 के पुरातत्व संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन हुआ है। मस्जिद के मुख्य इमारत में कई बदलाव देखे गए हैं। सीढ़ियों के पास स्टील की रेलिंग लगाई गई है, जिसका निर्माण अवैध रूप से 2018 में हुआ था। इसके खिलाफ FIR और नोटिस जारी किए गए, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई। मस्जिद के अंदर पुराने पत्थर की जगह नई फ्लोरिंग कर दी गई है, और मुख्य संरचना को प्लास्टर और पेंट से बदल दिया गया है, जिससे इसका मूल स्वरूप नष्ट हो गया है। मस्जिद के केंद्र में स्थित हौज का नवीनीकरण पत्थर लगाकर किया गया है। अंदर लाल बलुआ पत्थर, संगमरमर और ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है। भूतल पर पुराने कमरे अब दुकानों में बदलकर किराए पर दिए गए हैं। मस्जिद के गुंबद में लोहे की चेन से झूमर लटकाया गया है, जिसका जिक्र एक पुरानी किताब में भी मिलता है। ASI ने बताया कि मस्जिद की मूल संरचना के कई हिस्सों में अवैध निर्माण और भड़कीले रंगों का प्रयोग हुआ है, जिससे इसका ऐतिहासिक महत्व और वास्तविक स्वरूप बहुत हद तक बिगड़ चुका है। अदालत को दी गई रिपोर्ट में ASI ने इस संरक्षित स्मारक की संरचना को मनमाने बदलावों के कारण हुए नुकसान की जानकारी दी। नवीनीकरण पत्थर लगाकर किया गया है। अंदर लाल बलुआ पत्थर, संगमरमर और ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है। भूतल पर पुराने कमरे अब दुकानों में बदलकर किराए पर दिए गए हैं। मस्जिद के गुंबद में लोहे की चेन से झूमर लटकाया गया है, जिसका जिक्र एक पुरानी किताब में भी मिलता है। ASI ने बताया कि मस्जिद की मूल संरचना के कई हिस्सों में अवैध निर्माण और भड़कीले रंगों का प्रयोग हुआ है, जिससे इसका ऐतिहासिक महत्व और वास्तविक स्वरूप बहुत हद तक बिगड़ चुका है। अदालत को दी गई रिपोर्ट में ASI ने इस संरक्षित स्मारक की संरचना को मनमाने बदलावों के कारण हुए नुकसान की जानकारी दी। 'बांग्लादेशी हिन्दुओं के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत..', केंद्र से RSS का अनुरोध भारत के गगनयान मिशन को लेकर आई बड़ी अपडेट, ISRO ने दी ये जानकारी यूपी में दर्दनाक सड़क हादसा, टेंपो और कार में टक्कर में 5 की दुखद मौत