लखनऊ: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के ज्ञानवापी परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वेक्षण कराने को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। 4 हिंदू महिला उपासकों ने जिला जज के सामने इस संबंध में याचिका दाखिल की है। इस पर 22 मई 2023 को सुनवाई होने वाली है। बता दें कि, इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ASI को परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग करने के आदेश दिए थे। यह याचिका (CRPC की धारा 75 (ई) और आदेश 26 नियम 10ए के तहत) उन हिंदू महिलाओं (वादी) द्वारा दाखिल की गई है, जो ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में लगभग एक साल से पूजा करने का अधिकार माँग रही हैं। हिंदू याचिकाकर्ताओं के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ज्ञानवापी में ऐसे कई सत्य छिपे हुए हैं, जिनका सामने आना आवश्यक है। इसलिए ASI सर्वे की माँग की जा रही है। इससे यह पता चल सकता है कि क्या मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद हिंदू मंदिर के ढाँचे के ऊपर किया गया था ? हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि, 'पूरा परिसर हिंदू मंदिर का है। सर्वे के दौरान गुंबद के नीचे हिंदू मंदिर के शिखर पाए गए हैं। उसकी कार्बन डेटिंग जाँच की माँग हम कर रहे हैं। हमारी माँग है कि विवादित ढाँचे की पश्चिमी दीवार की भी जाँच की जाए। हम चाहते हैं कि तहखाने की भी वैज्ञानिक जाँच कराई जानी चाहिए। चूँकि, उच्च न्यायालय शिवलिंग की वैज्ञानिक जाँच का आदेश कर चुका है। ऐसे में पूरे परिसर की वैज्ञानिक जाँच एवं कार्बन डेटिंग की जा सकती है।' जैन ने आगे कहा कि, 'मंदिर के ढाँचे को औरंगजेब ने तोड़कर बनवाया है, ये भी ASI जाँच में साफ़ हो जाएगा। अयोध्या मामले में ASI का सर्वे मील का पत्थर साबित हुआ था। ज्ञानवापी में भी ASI के सर्वे से हैरान करने वाली बातें सामने आ सकती हैं। इसलिए हम सभी लोग पूरे परिसर की वैज्ञानिक एवं कार्बन डेटिंग जाँच की माँग कर रहे हैं।' बता दें कि, बीते दिनों इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग एवं साइंटिफिक सर्वे की माँग वाली याचिका मंजूर करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वे (ASI) को बगैर शिवलिंग को क्षति पहुँचाए कार्बन डेटिंग कराने का निर्देश दिया था। बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान 16 मई 2022 को 'शिवलिंग' पाया गया था। इस शिवलिंग की ASI से साइंटिफिक सर्वे कराने की माँग को लेकर वाराणसी की जिला कोर्ट में वाद दायर किया गया था। हालाँकि, अदालत ने 14 अक्टूबर 2022 को इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। बरनाला में दर्दनाक सड़क दुर्घटना, पति-पत्नी सहित 4 की मौत बड़ी दुर्घटना का शिकार हुई बच्चों से भरी स्कूल बस, 25 छात्रों समेत कई घायल स्कूल बस ने बाइक सवार को मारी टक्कर, हुई मौत