नई दिल्ली। इंडोनेशिया के जकार्ता में संपन्न हुए 18वें एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी कड़ी मेहनत से देश के लिए कई मैडल जित कर पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है लेकिन शायद हमारे देश के अधिकारियों के लिए खिलाड़ियों की इस मेहनत और जीत कोई खास अहमियत नहीं रखती। एशियाई खेल : आज इस खेल में इतिहास में पहली बार आमने-सामने होंगे भारत और पाक ऐसा इसलिए कहाँ जा रहा है क्योंकि 18वें एशियन गेम्स से सेपक टकरा खेल में देश को पहला मेडल दिलाने वाली टीम के स्वागत के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल्ली सरकार या एसोसिएशन का एक भी अधिकारी नहीं पहुंचा। स्वागत तो दूर की बात इन खिलाडियों के लिए यतयात की भी व्यवस्था नहीं की गयी थी। इस वजह से इन खिलाडियों को चंदा जमा कर किराए से बस लेकर एयरपोर्ट से घर जाना पड़ा। इन खिलाडियों की मुश्किल यही ख़तम नहीं हुई , क्योकि घर जाते वक्त इनकी बस बिच रास्ते में ही खराब हो गई। इस वजह से इन खिलाडियों को खुद ही बस को धक्का भी लगाना पड़ा। एशियन गेम्स 2018 : प्रणब और शिबनाथ ने भारत को दिलाया 15 वा गोल्ड एक निजी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी साझा की। इस रिपोर्ट के अनुसार सेपक टकरा खेल में कांस्य पदक जीतने वाली इस टीम के इन 12 खिलाड़ियों में से चार खिलाड़ी दिल्ली के निवासी है और अन्य 8 खिलाड़ी उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में रहते है। ख़बरें और भी एशियाई खेल: आखिरी दिन भारत ने तोड़ा मेडलों का रिकॉर्ड, महिला स्क्वैश टीम ने जीता रजत एशियाई खेल: आखिरी दिन भारत ने तोड़ा मेडलों का रिकॉर्ड, महिला स्क्वैश टीम ने जीता रजत सुर्खियां: ये है देश और दुनिया की आज की सबसे बड़ी ख़बरें एशियन गेम्स 2018: अमित पंघाल के प्रहार से ओलिंपिक चैंपियन चित, भारत के खाते में एक और स्वर्ण