जयपुर: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के जयपुर स्थित निवास पर शनिवार (23 अप्रैल, 2022) को आयोजित की गई रोज़ा इफ्तार पार्टी में छाबड़ा हिंसा के मुख्य आरोपित आसिफ असाढ़ी भी शामिल हुआ। पूरे कार्यक्रम के दौरान आसिफ ना केवल मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद रहा, बल्कि मंत्रियों और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ जमकर तस्वीरें भी खिंचवाईं। अब आसिफ की मुख्यमंत्री आवास में रोज़ा इफ्तार पार्टी में मौजूदगी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। पूर्व मंत्री व छबड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा MLA प्रताप सिंह सिंघवी ने छाबड़ा हिंसा आरोपित के सीएम गहलोत की रोज़ा इफ्तार पार्टी में मौजूदगी को चिंता का विषय बताया है। उन्होंने कहा कि छाबड़ा हिंसा का मुख्य आरोपित CM हाउस पर आयोजित इफ्तार पार्टी में उपस्थित था। यह चिंता का विषय है और इसकी जाँच की जानी चाहिए कि उन्हें सीएम आवास में प्रवेश की इजाजत क्यों दी गई। यह सीएम की सुरक्षा से समझौता है। सिंघवी ने सीएम अशोक गहलोत को टैग करते हुए एक ट्वीट भी किया है। इसमें उन्होंने अखबार के पन्नों का स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए लिखा है कि, 'विडंबना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राजकीय आवास पर सांप्रदायिक दंगों के आरोपित की मेजबानी की जा रही है! क्या इसके पीछे तुष्टिकरण से निकले वोट हैं? कांग्रेस की ऐसी सोच निहायत शर्मनाक व बहुसंख्यक समाज के लिए अपमानजनक है। जनता सब देख रही है, समय आने पर सारा हिसाब होगा।' इससे पहले सिंघवी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा था कि, 'माननीय मुख्यमंत्री जी, यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि छबड़ा हिंसा का मुख्य आरोपित आसिफ असाढ़ी आज आपके द्वारा दी गई इफ्तार पार्टी में शरीक हुआ। इंटेलिजेंस विंग को चाहिए कि ऐसे अपराधियों को इफ्तार पार्टी में जगह कैसे मिल गई इसका पता करे।' वहीं, राजस्थान भाजपा इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपने ट्वीट के माध्यम से सीएम गहलोत पर हमला बोला। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, 'कॉन्ग्रेस का यह कैसा राज। PFI से प्यार, बहुसंख्यक को दुत्कार, मुख्यमंत्री निवास में इफ्तार, दंगे आरोपितों को बुलाकर करते हैं दुलार, करौली में आरोपियों को बचाने की कवायद, अलवर जिले में शिवमंदिर, गोशाला से एतराज़।' क्या कांग्रेस के साथ जुड़ेंगे प्रशांत किशोर ? सोनिया गांधी के घर चल रही फाइनल मीटिंग बिहार की राजनीति में कूदे मनोज मुंतशिर, बोले- 'शर्म आए तो क्षमा मांग लेना' क्या हिंदुस्तान में 'हनुमान चालीसा' पढ़ना देशद्रोह है ? महाराष्ट्र में शुरू हुआ भाजपा-शिवसेना का सियासी युद्ध