गुवाहाटी: असम के कैबिनेट मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा बुधवार को CAA और NRC पर जारी बहस में कूद पड़े और कहा कि वह उन लोगों का वोट नहीं चाहते हैं जो भारतीय और असमिया संस्कृति को खुली चुनौती देते हैं। सरमा ने प्रेस वालों से बात करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में आप्रवासी मुस्लिम आबादी का एक वर्ग सांप्रदायिक है और स्थानीय संस्कृति व भाषा को बिगाड़ने का कार्य करता है। उन्‍होंने आगे कहा कि, ''असम की मुस्लिम आबादी दो धाराओं में बंटी हुई है, एक जो बांग्लादेश से असम में आई हैं और दूसरी जो स्वदेशी हैं। कुछ लोग जो अलग-अलग समय पर असम आए थे, उन्होंने खुद की पहचान मिया के तौर पर बतानी शुरू कर दी और वे बहुत ही सांप्रदायिक हैं।'' सरमा ने आगे कहा कि, ''वे असमिया संस्कृति और भाषा को बिगाड़ने के लिए यह लोग कई तरह की गतिविधियों में शामिल हैं। इसलिए मैं उनके वोटों से MLA नहीं बनना चाहता। मेरी व्यक्तिगत राय है कि जो लोग असमिया संस्कृति, भाषा और समग्र भारतीय संस्कृति को खुली चुनौती देते हैं, उन्हें हमें अपना वोट नहीं देना चाहिए।'' सरमा ने नागरिकता (संशोधन) कानून (CAA) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) पर भी टिप्पणी की, क्योंकि केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि CAA के तहत नियम तैयार किए जा रहे हैं। सरमा ने कहा कि CAA के कार्यान्वयन के लिए नियमों पर फैसला केंद्र को लेना है। 14 फ़रवरी को भाजपा की बड़ी बैठक, पीएम मोदी-अमित शाह रहेंगे मौजूद किसानों के सम्मान में आया मिया खलीफा का बयान, कहा- इंटरनेट मत बंद करो केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व सहयोगी एम शिवशंकर को मिली जमानत