रायपुर: असम के सीएम और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार (18 अक्टूबर) को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि सबसे पुरानी पार्टी को भाजपा को धर्मनिरपेक्षता नहीं सिखानी चाहिए। चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ के कवर्धा विधानसभा में एक रैली को संबोधित करते हुए सीएम सरमा ने कहा कि राम मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बाबर के लिए मस्जिद बनाना धर्मनिरपेक्षता नहीं है। उन्होंने कहा कि, 'हिंदू सभी का सम्मान करते हैं, लेकिन हम धर्मनिरपेक्षता के नाम पर किसी बाबर को हमारे मंदिर पर कब्जा नहीं करने देंगे। भारत हिंदू राष्ट्र था और हिंदू राष्ट्र रहेगा।' उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में लव जिहाद और धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ रही हैं। असम के सीएम ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की आड़ में लव जिहाद, धर्मांतरण और हिंदुओं की हत्या को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने आगे चेतावनी दी कि अगर कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में सत्ता में वापस लाया गया तो ऐसे मुद्दे आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि, 'देश में लव जिहाद की शुरुआत कांग्रेस शासन के दौरान हुई। असम और छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को प्रतिदिन धर्म परिवर्तन (ईसाई धर्म अपनाने) के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जब लोग (छत्तीसगढ़ में) अधिनियम के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो भूपेश बघेल कहते हैं कि वह धर्मनिरपेक्ष हैं।' सीएम सरमा ने सवालिया लहजे में कहा कि, 'क्या हिंदुओं को मारना आपकी धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा है? यह देश हिंदुओं का है और हिंदुओं का ही रहेगा। हमें धर्मनिरपेक्षता की भाषा मत सिखाइये. राम मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बाबर के लिए मस्जिद बनाने को धर्मनिरपेक्षता नहीं कहा जाता है।' उन्होंने कहा कि, धर्म परिवर्तन को धर्मनिरपेक्षता नहीं कहा जाता है। माता कौशल्या की भूमि अकबर को सौंपना धर्मनिरपेक्षता नहीं है। हमारी धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा बाबा साहेब अम्बेडकर और हमारी हिंदू संस्कृति द्वारा दी गई है। हम इसकी अवधारणा जानते हैं। धर्मनिरपेक्षता का मतलब लव जिहाद नहीं है।'' सरमा ने कहा कि, वह असम में मुसलमानों को अपने ही समुदाय के लोगों से शादी करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, क्योंकि अगर वे हिंदू महिलाओं से शादी करेंगे तो मुस्लिम महिलाओं का क्या होगा? कांग्रेस के सांप्रदायिक पूर्वाग्रह पर जोर देते हुए, असम के सीएम ने कहा कि उन्होंने हाल ही में राजस्थान में कहा था कि अशोक गहलोत सरकार ने उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के बाद कुछ नहीं किया और यदि पूर्वी राज्य (असम) में ऐसा कुछ हुआ होता, तो "पांच मिनट के भीतर जवाबी कार्रवाई" हो गई होती। हिमंता सरमा ने कहा कि, 'अगर इसी तरह की घटना भाजपा शासित किसी भी राज्य में हुई होती, तो संबंधित सरकार पांच मिनट के भीतर कार्रवाई करती। लेकिन कांग्रेस कुछ नहीं करती और धर्मनिरपेक्षता का राग अलापती रहती है। क्या धर्मनिरपेक्षता केवल हिंदुओं को लूटने के लिए है?'' बाबर की पूजा (मुस्लिम आक्रमणकारियों का संदर्भ) और अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए, हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि, “हमने कहा था कि हम सत्ता में आने के बाद (केंद्र में) राम मंदिर का निर्माण करेंगे और जनवरी में मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा। कांग्रेस 60 साल तक सत्ता में रही, लेकिन उन्होंने राम मंदिर बनाने के लिए कुछ नहीं किया क्योंकि वे हमेशा बाबर की पूजा करते थे।' असम सीएम ने कहा कि, 'ये लोग बाबर के हैं, भगवान श्री राम के नहीं। जो प्रभु श्री राम के होते हैं, वे वचन निभाते हैं। मोदी ने जनता से किये अपने सभी वादे पूरे किये।' सरमा ने लोगों से भाजपा उम्मीदवार विजय शर्मा को वोट देने और छत्तीसगढ़ को लव जिहाद और धर्मांतरण से बचाने के लिए अकबर को अलविदा कहने का आग्रह किया। गौरतलब है कि यह रैली कवर्धा में बीजेपी उम्मीदवार विजय शर्मा के नामांकन दाखिल करने से पहले आयोजित की गई थी । कांग्रेस ने कवर्धा सीट से अपने वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्री मोहम्मद अकबर को फिर से उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। 'आपको तेलंगाना की चिंता करने की जरूरत नहीं..', राहुल गांधी पर सीएम की बेटी कविता ने साधा निशाना PM मोदी ने MP की जनता के नाम लिखा पत्र, लिखी ये खास बातें 'भूपेश बघेल शर्म करो..', अमित शाह ने गिनाए छत्तीसगढ़ सरकार के घोटाले, कांग्रेस पर साधा निशाना