गुवाहाटी: उत्तर प्रदेश के बाद अब असम सरकार भी पूरे जोश में नजर आ रही है। जी दरअसल असम सरकार ने भी असम के मदरसों से जानकारी मांगी है। मिली जानकारी के तहत असम के निजी मदरसों को इस साल एक दिसंबर तक अपने संस्थानों के बारे में सभी जानकारी राज्य सरकार को उपलब्ध करवाने के लिए कह दिया है। जी हाँ और इसमें मदरसों की जगह, सेवारत शिक्षकों के परिचय समेत सभी जानकारी प्रदेश सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग को एक दिसंबर तक जमा करने के लिए कहा गया है। सावधान! NGO की आड़ में हो रही आतंकियों की भर्ती, समाजसेवा के नाम पर मुस्लिमों में भरा जा रहा जहर आप सभी को हम यह भी जानकारी दे दें कि इससे पहले चार सितंबर को, असम के डीजीपी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और मदरसों को चलाने वाले कई संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक हुई थी। जी हाँ और इस बैठक के दौरान कई तरह के फैसले लिए गए थे। इन फैसलों में यह भी सुनिश्चित किया गया था कि धार्मिक शिक्षा के नाम पर कोई भी चरमपंथी तत्व मदरसे में शरण न लें। दूसरी तरफ असम पुलिस के सीपीआरओ राजीव सइकिया ने कहा, ''एक पोर्टल पर काम चल रहा है, जहां सभी निजी मदरसों की जानकारी अपलोड की जाएगी और जल्द ही पोर्टल लॉन्च किया जाएगा।'' इसी के साथ डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने कहा, ''दो मदरसों के बीच कम से कम तीन किमी की दूरी होनी चाहिए और प्रत्येक मदरसे में कम से कम 100 छात्रों का नामांकन होना चाहिए।'' नंगे पैर 2 किमी पैदल चलकर भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने पहुंची राष्ट्रपति मुर्मू, सामने आया Video आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में मदरसों में कार्यरत कई शिक्षकों को अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) से कथित संबंधों के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद राज्य के कई मदरसे जांच के दायरे में आ गए थे। भक्त ने भेंट किया बरसाना राधा रानी जी को 6 करोड़ का सिंहासन शादी में नॉनवेज नहीं खिलाया तो भड़के बाराती, मचाया हंगामा जन्मदिन पर तेजस्वी यादव ने BJP से मांगा अनोखा गिफ्ट