बांग्लादेशी मुस्लिमों और असमिया मुसलमानों को अलग करेगी असम सरकार, जारी किए जाएंगे ID कार्ड

गुवाहाटी: असमिया मुस्लिमों को चिन्हित करने के लिए असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार द्वारा गठित पैनल ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। इसमें सिफारिश की गई है कि राज्य में विशेष समूह के रूप में ‘असमिया मुस्लिमों’ की शिनाख्त के लिए एक अधिसूचना पारित की जाए, ताकि बांग्लादेश से गैर कानूनी रूप से राज्य में घुसने वाले मुस्लिमों से इन्हें अलग किया जा सके।

इस पैनल का गठन गत वर्ष राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने विभिन्न स्थानों से असमिया मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के बीच समूह की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं पर चर्चा के लिए एक मीटिंग के बाद किया था। अब अपनी रिपोर्ट में पैनल की तरफ से सिफारिश की गई है कि असम के देशी मुस्लिमों को उनकी विशेष पहचान के लिए ID कार्ड या फिर एक सर्टिफिकेट दिया जाए। इसके साथ ही यह भी सिफारिश की गई है कि राज्य सरकार इनकी पहचान के साथ ही इनकी जनगणना और भारत की संसद व राज्य विधानसभा में प्रतिनिधित्व का अवसर सुनिश्चित करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 333 के समान एक कानून पारित करे।

बता दें कि, असम सरकार द्वारा गठित पैनल को सात उप-समितियों में बांटा गया था। इनसे राजनीति, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और बढ़ती आबादी को रोकने जैसे मामलों पर सिफारिश करने के लिए कहा गया था। गुरुवार (22 अप्रैल 2022) को जारी इस रिपोर्ट में को तैयार करने के लिए पैनल में असमिया मुस्लिम पत्रकारों, बुद्धिजीवियों, वकीलों, कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों को शामिल किया गया था।

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