गुवाहाटी: असम सरकार ने बाढ़ तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित स्त्रियों एवं किशोरियों को दी जाने वाली राहत सामग्री की लिस्ट में सैनिटरी नैपकिन को भी सम्मिलित किया है। एक अधिसूचना में इस बारे में कहा गया। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग आयुक्त तथा सचिव एम एस मणिवन्नन ने हाल में यह आदेश जारी किया है। सभी जिला उपायुक्तों (डीसी) एवं उपमंडल अफसरों (एसडीओ) (सिविल) को इस तरफ ध्यान दिलाते हुए आदेश में बताया गया है कि आपात हालत के चलते बाढ़ संभावित इलाकों में रहने वाली महिलाओं को किशोरियों के मासिक धर्म प्रबंधन को अब तक राहत उपायों में सम्मिलित नहीं किया गया था। आदेश के मुताबिक, इससे बाढ़ के चलते मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता का ध्यान रखने में महिलाओं तथा किशोरियों को विभिन्न और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आदेश के अनुसार, बाढ़ आदि आपदा के चलते महिलाओं और किशोरियों की गरिमा को बनाये रखने के लिए डीसी तथा एसडीओ स्तर के अफसरों को जीआर (मुफ्त राहत सामग्री) कोष से राहत सामग्री की लिफ्ट में सैनिटरी नैपकिन सम्मिलित करने को कहा गया है। चक्रवाती तूफान यास के असम की तरफ मुड़ने के कारण से सीमांचल के जिलों में तेज हवा के साथ भारी वर्षा हुई। पूर्णिया मौसम केंद्र द्वारा शहर में 24 घंटे में 26।1 एमएम बारिश रिकार्ड की गई जो इस वर्ष प्री मानसून में दूसरी सबसे ज्यादा वर्षा है। वहीं 10 मई को 27 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने पलटा एयर इंडिया का आदेश, पायलटों को लेकर दिए ये निर्देश उत्तर और दक्षिण में सामान्य मानसून की संभावना, मध्य भारत में सामान्य से ऊपर: IMD कर्नाटक में 'जानलेवा' बना ब्लैक फंगस, अब तक 32 मरीजों ने गँवाई जान