गुवाहाटी: असम सरकार जल्द ही राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं में अपनी जनसंख्या नीति लागू करेगी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, चाहे कर्ज माफी हो या सरकारी योजनाएं, सरकार निकट भविष्य में जनसंख्या मानदंड लागू करने जा रही है। उन्होंने कहा कि यह शर्त शुरू में चाय बागान समुदाय और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों पर लागू नहीं होगी। असम की जनसंख्या और महिला अधिकारिता नीति कहती है कि दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्ति सरकारी नौकरियों के लिए पात्र नहीं होंगे और वे पंचायत और नागरिक निकायों के सदस्य नहीं बन सकते। ऐसे परिवारों पर भी सरकारी योजनाओं के तहत विभिन्न लाभों के लिए विचार नहीं किया जाएगा। यह नीति इसी साल 1 जनवरी से लागू हुई थी। राज्य सरकार ने असम की जनसंख्या और महिला अधिकारिता नीति को पहले ही लागू कर दिया है जो दो से अधिक बच्चों वाले किसी भी व्यक्ति को सरकारी पदों और पंचायतों और नागरिक निकायों के चुनाव के लिए अयोग्य बनाती है। वही यह नीति 1 जनवरी को लागू हुई थी। कांग्रेस ने कहा था, उसी सर्वेक्षण के अनुसार, असम में महिलाओं की प्रजनन दर 2015-16 में 2.2 से घटकर 2020-21 में 1.9 हो गई है और 1.9 2.1 से कम है जिसका अर्थ है असम की भावी जनसंख्या वर्तमान जनसंख्या से ही कम होगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने समाचार जगत के सीनियर पत्रकार राजेंद्र गोधा के निधन पर जताया शोक पूर्वांचल के इस दमदार नेता ने दिया बसपा से इस्तीफा, समाजवादी पार्टी में होगी वापसी? पीडीपी नेता सरताज मदनी केंद्र के निमंत्रण के बाद नजरबंदी से हुए रिहा