गुवाहाटी: कोरोना संकट के बीच असम सरकार ने प्रदेश में गरीबी रेखा से ऊपर के सभी अपात्र लाभार्थियों से राशन कार्ड वापस लेने का निर्णय किया है। सीएम हेमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में संबंधित अफसरों को इसको लेकर आवश्यक कदम उठाने के दिशानिर्देश दिए गए हैं। साथ-साथ उन्होंने ये भी निर्देश दिया है कि प्रदेश में राशन कार्ड धारकों की संख्या के आधार पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चल रही राशन की दुकानों की कार्यप्रणाली निर्धारित की जाए। सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के इंतजाम को लेकर शनिवार को एक समीक्षा बैठक बुलाई थी। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग तथा सहकारिता विभाग के अफसरों के साथ ये बैठक बुलाई गई थी। बैठक में सीएम ने अफसरों को निर्देश दिया कि वो नियमों में संशोधन करते हुए ये निर्धारित करे कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चल रही राशन की दुकानों को परिवहन शुल्क के रूप में प्रति क्विंटल 143 रुपये प्राप्त हुए। इस बैठक में कृषि एवं सहकारिता विभाग के मंत्री अतुल बोरा तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अफसर उपस्थित थे। प्रदेश में FCS&CA विभाग को अब से सरकार के बजट में से फंड प्रदान किया जाएगा। जिसे प्रदेश की सभी ग्राम पंचायत सहकारी समितियों को बांटा जाएगा। सीएम ने कहा है कि इस प्रकार के कदम से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सहायता प्राप्त होगी। सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने साथ ही जरुरी वस्तुओं की परिवहन लागत को कम से कम करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि, प्रदेश में खाद्य सुरक्षा एक्ट के अंतर्गत प्रभावी तरीके से कार्य हो इसके लिए अब से सहकारी समितियों को सुपरवाइजर का किरदार निभाना होगा। मन की बात के 78वें एपिसोड के साथ देश को संबोधित करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान, कहा- "सच्चा नेता वह है जो जानता है कि कब संघर्ष करना..." देश में कोरोना की स्थिति और टीकाकरण पर पीएम मोदी की रिव्यू मीटिंग हुई शुरू, PMO के अफसर भी शामिल