नई दिल्ली: शनिवार को चुनाव आयोग (EC) ने एक संवाददाता सम्मेलन में यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर तथा गोवा में विधानसभा चुनावों की दिनांकों का ऐलान किया। चुनाव इस वर्ष फरवरी तथा मार्च में होंगे। देश में बढ़ते कोरोना केसों पर चिंताओं के बीच, चुनाव आयोग ने कहा कि हमारा "पहला एवं सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य" एक "कोविड-सुरक्षित चुनाव" है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि इसके लिए काफी सारी योजना सावधानीपूर्वक तैयारी की गई है। साथ-साथ क्योंकि कुछ लोग कोरोना संक्रमित होंगे तथा इसलिए, एक प्रश्न उठता है कि जो लोग क्वारंटाइन हैं वे अपना वोट कैसे देंगे? ऐसे में पोस्टल बैलेट की सुविधा उन व्यक्तियों को उपलब्ध होगी। कोरोना संक्रमित या संदिग्ध के घर चुनाव आयोग की टीम जाएगी तथा पीड़ित शख्स से वहीं वोट कराएगी। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। ऐसे मतदाता चुनाव अफसर को डाक द्वारा, इलेक्ट्रॉनिक तौर पर या हाथ से अपना मतपत्र दे सकेंगे। यह सुविधा विधानसभा चुनाव के चलते कोरोना प्रभावित व्यक्तियों के साथ-साथ 80 वर्ष से ज्यादा आयु के सीनियर नागरिकों तथा दिव्यांग लोगों के लिए उपलब्ध होगी। वही इसके अतिरिक्त चुनाव आयोग ने कहा कि सभी मतदान केंद्रों पर मास्क तथा सैनिटाइज़र उपलब्ध होंगे जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदान 'कोविड-सुरक्षित' तरीके से हो। चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए मतदान कर्मियों तथा वोटर्स दोनों के टीकाकरण पर विश्वास कर रहा है कि चुनाव के परिणामस्वरूप कोरोना केसों में बढ़ोतरी न हो। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि उन्होंने चुनाव वाले प्रदेशों के मुख्य सचिवों से बताया है कि वे 18 वर्ष से ऊपर के सभी नागरिकों के टीकाकरण में रफ़्तार लाएं तथा यह सुनिश्चित करें कि सभी चुनाव अफसरों को बूस्टर खुराक दी जाए, जिन्हें फ्रंटलाइन कार्यकर्ता के तौर पर नामित किया गया है। आचार संहिता लागू होते ही क्यों 'निहत्थी' हो जाती है राज्य सरकारें ? केरल में भाजपा ने सरकारी अस्पतालों के रवैये पर सवाल उठाया चंडीगढ़ में बड़ा उलटफेर, शहर की महापौर बनी भाजपा की सरबजीत कौर, धरने पर AAP पार्षद