पूर्व प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी बहुत लम्बे समय से बीमारियों से लड़ रहे थे और लड़ते-लड़ते वह इतना थक चुके थे कि उन्होंने मौत को गले लगा लिया. काफी लम्बे समय तक इलाज चलने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी इस दुनिया को छोड़कर चले गए. आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी को केवल एक नहीं बल्कि कई बीमारियां थीं जिनमे से तीन बीमारियों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. अटल के निधन के छह दिन बाद जागे सल्लू मियां, ये खान तो अब तक सो रहा है डायबटीज - डायबटीज एक बहुत ही गंभीर बिमारी है और इससे पीड़ित होने वाले व्यक्ति को जल्दी इससे छुटकारा नहीं मिलता है. इस दौरान खून में शर्करा की मात्रा ज्यादा हो जाती है और इसके बढ़ने से किडनी में समस्या हो सकती है और वह प्रभावित हो सकती है. किडनी की समस्या - यह भी किसी गंभीर बिमारी से कम नहीं है. इसमें भी व्यक्ति को भारी नुक्सान वहन करना पड़ सकता है. अटल बिहारी वाजपेयी को भी किडनी की समस्या थी. किडनी की समस्या के लक्षण क्या होते हैं- सबसे पहले तो भूख बहुत कम लगती है और शरीर को थकावट और कमजोरी महसूस होती है. किडनी की समस्या होने पर नींद नहीं आती है और साथ ही पेशान की मात्रा कम हो जाती है. इस समस्या में दिमाग ठीक से काम नहीं करता और हार्ट में पानी जमा होने पर छाती में दर्द होना शुरू हो जाता है. 'अटल' के रंग में रंग जाएगा छत्तीसगढ़, कई जगहों के बदले जाएंगे नाम डिमेंशिया - यह सबसे गंभीर बिमारी मानी जाती है और अटल बिहारी जी को यह बिमारी भी जकड़े हुए थी. इस बिमारी के दौरान इंसान की याद रखने की क्षमता में कमी आ जाती है और वह अपने कार्यों को भूलने लग जाता है. इस दौरान सबसे ज्यादा नुकसान दिमाग को होता है. डिमेंशिया के लक्षण क्या है- इस दौरान याद रखने की क्षमता कम हो जाती है और बातें करने में परेशानी होती है. इस बिमारी में खाने-पीने में परेशानी होती है और चलने-फिरने में भी मुश्किल होती है. फैंस के सोने के समय सलमान को याद आया ईद मुबारक अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से बदला जाएगा इस योजना का नाम शिप्रा से लेकर चम्बल तक मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियों में विसर्जित होगी अटलजी की अस्थियां