लॉकडाउन के चलते एनआईएस पटियाला और बंगलूरू में फंसे हॉकी, एथलेटिक्स और वेटलिफ्टिंग के खिलाड़ियों को फिलहाल ट्रेनिंग की इजाजत नहीं दी जाएगी. राष्ट्रीय खेल संघों की खेल सचिव राधेश्याम जुलानिया के साथ चली मैराथन बैठक में एथलेटिक फेडरेशन ने ट्रेनिंग की इजाजत मांगी तो इससे साफ इनकार कर दिया गया. लॉकडाउन खुलने के बाद ही ओलंपिक की तैयारियां शुरू कराई जाएंगी. वहीं खेल सचिव ने खेल संघों से कहा है कि कोरोना की महामारी से निपटने के बाद ज्यादा से ज्यादा विश्व, एशियाई, राष्ट्रमंडल खेलों जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी हासिल की जाए. सरकार खेल संघ की कुल एसीटीसी राशि का 20 प्रतिशत उसके बजट में जोड़ेगी. ओलंपिक तक डेढ़ साल का होगा वार्षिक तैयारी कैलेंडर: अमूमन खेल संघ आर्थिक मदद हासिल करने के लिए 31 मार्च तक वार्षिक तैयारी कैलेंडर (एसीटीसी) खेल मंत्रालय के समक्ष रखते हैं, लेकिन मंत्रालय ने खेल संघों से अगले वर्ष जुलाई-अगस्त में होने वाले टोक्यो ओलंपिक तक एसीटीसी तैयार करने और सीईओ, निदेशक नियुक्त करने को कहा गया है. इसका भुगतान भी मंत्रालय करेगा. लॉकडाउन खुलते ही कराया जाए डोप टेस्ट: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता ने खेल सचिव से कहा है कि लॉकडाउन के चलते नाडा की ओर से सैंपलिंग बंद पड़ी है. ऐसे में खिलाड़ी प्रतिबंधित दवाओं का सेवन कर सकते हैं. लॉकडाउन खुलने के बाद सभी खिलाडिय़ों का बड़ी संख्या में डोप टेस्ट कराया जाए. माही के सन्यास पर बोला यह दिग्गज, कहा- अगर धोनी एक बार गए तो वापस नहीं आएँगे लॉक डाउन के कारण अपने गांव में फसे ICC अंपायर Video: सहवाग के तीन उसूल, आवेदन, निवेदन और फिर दे दनादन, फंस बोले- 'लास्ट वाला बेस्ट है सर '