एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाला फेंक में कांस्य पदक विजेता देविंदर सिंह कंग ने कहा है कि गले में खराश के लिए ली गई दवाईयों के वजह से वह डोपिंग में नाकाम रहे लेकिन उन्होंने इन दवाईयों के बारे में पूर्व में सूचित कर दिया था और इसलिए उन्हें अनुशासनात्मक सुनवाई में क्लीन चिट मिलने की पूरी उम्मीद जताई है. कंग का नमूना पिछले साल अगस्त में लिया गया था जिसमें बेटा डेक्सामेथोसान पाया गया था जो विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में आता है. इसका उपयोग गले और फेफड़ों से जुड़ी बीमारी के लिए किया जाता है . इस बारें में कंग ने कहा, ‘पिछले साल इंडियन ग्रां प्री 5 से पहले मेरे गले में संक्रमण था. मैंने टीम प्रबंधन से अनुमति ली और फिर पटियाला में एक निजी चिकित्सक से परामर्श किया जिन्होंने मुझे दो दवाईयां मोक्सिटास 500 और बेटा डेक्सामेथोसान दी. डोप परीक्षण के परिणाम की वजह ये दवाईयां हैं. ’ उन्होंने आगे कहा, ‘नाडा के लोग जब नमूना लेने के लिए आए तो मैंने उन्हें इन दोनों दवाईयों के बारे में बता दिया था. मैं नाडा के सामने अपनी बात रखूंगा और उम्मीद है कि मुझे डोपिंग आरोपों से मुक्त कर दिया जाएगा. ’ बता दें की कंग नाडा अनुशासनात्मक पैनल को आश्वस्त करने में नाकाम रहते हैं तो उन पर आठ साल का प्रतिबंध भी लग सकता है क्योंकि यह उनका डोपिंग से जुड़ा दूसरा मामला होने वाल है. इससे पहले 2018 में उनके नमूने में मारिजुआना पाया गया था जिसके बाद उन्हें फटकार लगाकर छोड़ दिया गया था. प्रवासी मजदूरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर सीएम योगी ने पूछा बाहर जाओगे, मिला ऐसा जवाब न्यूजीलैंड में रग्बी का मैच दर्शकों के साथ हुआ शुरू, इतने में बीके मुकाबले के टिकट लियोनेल मेस्सी के शानदार गोल की मदद से बार्सिलोना ने जीता मैच