लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद की 12.5 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति को सोमवार को प्रयागराज के कटहुला इलाके में कुर्क कर लिया। जब्त की गई भूमि 5.0510 हेक्टेयर में फैली हुई थी, और इसे एक राजमिस्त्री हूब लाल के नाम पर खरीदा और पंजीकृत किया गया था। राजमिस्त्री ने पुलिस को बताया कि अतीक अहमद के कहने पर उसके लोगों ने गरीब किसानों को जबरन डराया और उनकी जमीन हूब लाल के नाम पर लिख दी। उनके मुताबिक, 14 किसानों को डरा-धमकाकर उनसे जबरन बेहद कम कीमत पर जमीन खरीदी गई और उनके (हूब लाल) नाम पर रजिस्ट्री कर दी गई। हूब लाल ने कहा कि, 'अतीक के लोगों द्वारा किसानों को धमकी देने के बाद संपत्ति की रजिस्ट्री मेरे नाम पर की गई थी। मुझे यह भी नहीं पता कि वास्तव में मेरे नाम पर कितनी जमीन है। मैं पुलिस से अपील करना चाहता हूं कि वह इस जमीन का इस्तेमाल गरीबों के लिए अस्पताल, स्कूल आदि बनाने के लिए करें।" हूब लाल प्रयागराज शहर से 60 किलोमीटर दूर लालापुर के रहने वाले हैं। उनके मुताबिक अतीक ने 14 दलित किसानों से जबरन आने-पौने दामों पर जमीन खरीद ली थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि संपत्ति हुब लाल के नाम पर पंजीकृत थी, क्योंकि वह भी दलित समुदाय से थे। गौर करने वाली बात तो ये है कि, जिस समय अतीक अपने इन काले कारनामों को अंजाम दे रहा था, उस वक़्त राज्य में समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार थी, जो अपने दलित हितैषी होने का दावा करती है, लेकिन उन्ही के राज्य में दलित किसानों से जबरन जमीन छीन ली गई और वे कुछ न कर सके। न ही किसी अन्य नेता ने अतीक के खिलाफ इन किसानों की मदद करने की कोशिश की। हूब लाल ने कहा, "2015 में, 14 दलित किसानों की 5.0510 हेक्टेयर भूमि के 16 टुकड़े मेरे नाम पर पंजीकृत किए गए थे।" हूब लाल के अनुसार, 14 किसानों के नाम थे - ज्ञानेंद्र कुमार, रमेश कुमार, राम बाबू, शिव बाबू, श्याम बाबू, दिलीप कुमार, महेश कुमार, राहुल कुमार, दुबासा, मुंशी लाल, महादेव प्रसाद, प्रेमचंद्र, राजेश और सांवरिया। रिपोर्ट के अनुसार, धूमनगंज के सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) वरुण कुमार के मुताबिक, संपत्ति की कीमत अनुमानित 12.5 करोड़ रुपये है। ACP ने कहा कि यह घोषणा की गई है कि यह संपत्ति प्रशासन द्वारा जब्त कर ली गई है। अब इस पर कब्जा करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हूब लाल की जांच के बाद पुलिस को पता चला कि उसके पास दो जमीनें हैं जो उसकी पैतृक संपत्ति हैं। उनके पास गरीबी रेखा से नीचे (BPL) कार्ड है और उनके परिवार को हर महीने उस कार्ड से राशन भी मिलता है। हूब लाल और उनकी पत्नी के बैंक खातों की पुलिस ने जांच की। 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामित अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को बेहद करीब से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। खुद को पत्रकार बताने वाले तीन लोग इस घटना के पीछे थे, जब पुलिसकर्मी उन्हें मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जा रहे थे। छत्तीसगढ़ में दो दिन में दो IED ब्लास्ट, आज मतदान के दौरान हुआ विस्फोट, चपेट में आया CRPF जवान छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में आज पहले चरण का मतदान जारी, वोटिंग के एक दिन पहले हुआ था IED ब्लास्ट भारत-नेपाल सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों में हुई सार्थक चर्चा