नई दिल्ली : आने वाले कुछ सालों में एटीएम, डेबिट और क्रेडिट कार्ड का नामोनिशान नहीं रहेगा. जी हाँ आपने सही सुना, ये बताया है नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने. हम बात कर रहे है शुक्रवार को पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) में आयोजित हुए ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट फेस्लिटेशन सर्विस अर्थात TIFS के उद्घाटन समारोह की, जहाँ नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने यह बात कही. उन्होंने आगे कहा की जहाँ एक और नोटबंदी के बाद से देश भर में डिजिटल पेमेंट को लेकर जनता जागरूक हो रही है और लोग डिजिटल भुगतान को अपना भी रहे हैं. हालाकिं अभी भी लोग कैश पर और क्रेडिट, डेबिट कार्ड पर निर्भर हैं और बहुत से लोगों के पास बैंक अकाउंट भी हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों में डेबिट और क्रेडिट कार्ड के चलन बढ़ने से लोगों को बैंक जाने की जरूरत ना के बराबर महसूस होती है. कान्त ने आगे बात को जारी रखते हुए कहा की नोटबंदी के बाद जिस तरह देश को कैशलेस बनाने का सपना प्रधान मंत्री जी ने देखा है वह साकार होते दिख रहा है साँथ ही जनता भी इसमें अपनी पूरी भागीदारी निभा रही है. जिस तरह देश तकनीकी तरक्की कर रहा है और देश विकास की और अग्रसर हो रहा है ऐसे में लोगों को चाहिए की वह भी इस तरक्की में अपना योगदान दे और देश को पिछड़ने की वजाय आगे बढ़ाने में मदद करे. यह तभी संभव हो सकता है जब जनता नयी - नयी तकनीको का इस्तेमाल जल्दी से और सुगमता से कर सके. जिस तरह बैंक नयी - नयी तकनीको को अपना रहे हैं और जनता भी भुगतान के नए - नए विकल्पों को अपना रहे हैं, जैसे कि मोबाइल वालेट और बायोमीट्रिक का इस्तेमाल कर रहे हैं, ऐसे में यह कहना मुश्किल नहीं है कि आने वाले कुछ सालों में डेबिट, क्रेडिट कार्ड के साँथ - साँथ एटीएम का भी नामोनिशान मिट जायेगा. कान्त ने आगे कहा कि हमने पिछले कुछ समय में लगभग 1200 बेकार पड़े कानून को ख़त्म किया है और आगे विकास के पथ पर बढ़ते हुए कई और बेकार पड़े नियम ख़त्म किये जायेगे. और हम देश की तरक्की में बढ़ा डाल रहे नियम - कानून हरगिज़ बर्दाश्त नहीं करेगे और जितनी जल्दी हो सकेगा उनको भी ख़त्म किया जायेगा. आगे और पढ़े - अब RBI ने कहा 1 अप्रैल को बन्द रहेंगे बैंक कोटक महिंद्रा बैंक का विलय तय नहीं कॉर्ड पैमेंट पर लगने वाला चार्ज अब खत्म हो सकता है