जमशेदपुर। आजसू नेता चंद्रगुप्त सिंह ने सोमवार को अपने उपर हुए हमले और प्रफुल्ल महतो को गोली लगने को लेकर पुलिस को जानकारी देते हुए कहा कि मैं अपने कार्यालय में कुछ लोगों के साथ बैठा था। परिवार में सदस्यों की तबियत ठीक नहीं थी। ऐसे में कुछ लोग मिलने आए थे। इन लोगों में प्रफुलल महतो, ईश्वर दयाल तिवारी, शिवजी शर्मा, चंचल विश्वास, राजा चौधरी, मिकेश सिंह उर्फ टमाटर से मैं चर्चारत था। इसी दौरान लगभग 4 से 5 लोग सिदगोड़ा बारीडीह सड़क के पास पहुॅंचे। इन लोगों ने मौका पाकर चंद्रगुप्त सिंह पर हमला कर दिया। हालांकि चंद्रगुप्त सिंह बच गए। हमलवार में से एक युवक ने चंद्रगुप्त सिंह पर गोली चलायी। पहली गोली चलने पर चंद्रगुप्त सिंह टेबल के नीचे बैठ गए तो दूसरा फायर होने पर उन्होंने आरोपी पर कुर्सी फैंककर अपना बचाव किया। उन्होंने कहा कि मैंने आरोपी की ओर कुर्सी फैंक दी। कुर्सी लगते ही आरोपी लड़खड़ाया साथ ही वह घायल हो गया। उसके सिर में चोट आई थी। सिर से खून बह रहा था। वह हड़बड़ा गया। वह आवासीय कार्यालय के पीछे की ओर भाग गया। अंगरक्षक के पास बंदूक थी इस बंदूक से मैंने फायर करने का प्रयास किया मगर आरोपी भाग निकले। आरोपी फरार हो गए। मगर दोनों ओर से चली गोलियों में से एक गोली प्रफुल्ल महतो को लग गई। प्रफुल्ल महतो टाटा स्टील के कर्मचारी थे। उन्हें गोली लगने से सभी दुखी हैं। वहाॅं मौजूद लोगों में गोलीबारी से हड़कंप मच गया था। चंद्रगुप्त सिंह ने मांग की है कि घटना को लेकर जाॅंच कार्रवाई तेज की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार स्वयं ही इस तरह से गोलियाॅं चलवा रही है। घटना को लेकर सीसीटीवी फुटेज में आखिर क्यों कोई जानकारी सामने नहीं आई यह एक बड़ा सवाल है। उल्लेखनीय है कि चंद्रगुप्त सिंह पर जानलेवा हमला हुआ था। इस हमले के आरोपी घटना के बाद फरार हो गए। आरोपियों को लेकर पुलिस जाॅंच में जुटी है लेकिन अब तक आरोपियों को लेकर जानकारी नहीं मिल सकी है तो दूसरी ओर चंद्रगुप्त सिंह हमले को लेकर सत्ताधारी दल पर आरोप लगाने में लगे हैं। भाव देश सेवा का, लेकिन मिली दर्दनाक मौत घर में घुस कर बुजुर्ग महिला को उतारा मौत के घाट अपनी अय्याशियों के लिए पत्नी ने करवाया पति का क़त्ल