शहडोल : औरंगाबाद रेल हादसे में जान गंवाने वाले मध्य प्रदेश के शहडोल व उमरिया जिलों के 16 श्रमिकों का शनिवार को उनके गांवों में अंतिम संस्कार कर दिया गया. शहडोल के अंतौली गांव में एक साथ नौ शवों को और दो अन्य को उनके गांवों में दफनाया गया है. वहीं, उमरिया के नेउसा गांव में एक साथ चार मजदूरों की चिताएं जलीं और एक अन्य मजदूर का अंतिम संस्कार ग्राम चिल्हारी में किया गया. वहीं, 11 मजदूरों के शव शनिवार शाम चार बजे विशेष ट्रेन से शहडोल रेलवे स्टेशन लाए गए. यहां से एंबुलेंस से नौ शव अंतौली, एक-एक शव शहरगढ़ और बैरिहा गांव भेजे गए और उन्हें दफना दिया गया. इससे पहले पांच शव उमरिया रेलवे स्टेशन पर उतारे गए. दरअसल कोरोना संक्रमण के वजह से सभी शवों को बहुत ही सावधानी से रखा गया था. सभी शवों की पहचान करने के बाद उनके ऊपर नाम की चिट चिपका दी गई थी. जब शव दफनाने की बारी आई तो नाम पढ़कर उनके स्वजनों को बताया गया और उन्हें दूर से ही अंतिम प्रणाम करने का अवसर दिया गया. स्वजन बार-बार अंतिम बार चेहरा देखने की मांग करते रहे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें शव के पास नहीं जाने दिया. एएसपी प्रतिमा एस मैथ्यूज ने गायत्री मंत्र पढ़कर शव को दफनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया. अंत्येष्टि के काफी देर बाद तक अधिकारी गांव में ही डटे रहे. बता दें की उमरिया जिले के ग्राम नेउसा में एक साथ चार मजदूरों की अर्थियां उनके घरों से निकलीं. अपने जवान बेटों के शवों को देख रोते हुए बूढ़े पिता जोधी सिंह और चैन सिंह को देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई थीं. इस दृश्य ने कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी की आंखों को भी नम कर दिया. वहीं ग्राम पंचायत चिल्हारी के अच्छेलाल कुशवाहा का भी अंतिम संस्कार किया गया. इस शहर में तबाही मचा रहा कोरोना, सबसे पहले लग सकता है लॉकडाउन 4 भोपाल में 39 नए मामले मिले, अब तक 743 हुई मरीजों की संख्या सांसद शंकर लालवानी के घर के पास मंडरा रहा कोरोना का खतरा, दो और पॉजिटिव मिले