27 अगस्त को भाद्रपद महीने में शनैश्चरी अमावस्या आने वाली है। जी हाँ और इस दिन एक शुभ संयोग बनेगा। बताया जा रहा है ऐसा 18 साल बाद होने जा रहा है। जी हाँ और अब दो साल बाद ऐसा योग आएगा। बताया जा रहा है ये संयोग इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन शनि अपनी ही राशि मकर में रहेगा। जी दरअसल पुराणों में शनिवार को आने वाली अमावस्या को महत्वपूर्ण बताया गया है। आपको बता दें कि स्कंद, पद्म और विष्णुधार्मोत्तर पुराण के मुताबिक शनैश्चरी अमावस्या पर तीर्थ स्नान या पवित्र नदियों में नहाने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। जी हाँ और इस पर्व पर किए गए दान से कई यज्ञ करने जितना पुण्य फल मिलता है। इसी के साथ ही इस अमावस्या पर किए गए श्राद्ध से पितर पूरे साल के लिए संतुष्ट हो जाते हैं। 18 साल बाद बनेगा ऐसा संयोग- आपको बता दें कि जब कोई अमावस्या शनिवार को पड़ती है तो उसे शनिचरी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। आने वाले 27 अगस्त को भाद्रपद महीने में आने वाली साल की आखिरी शनैश्चरी अमावस्या रहेगी। जी दरअसल शनिवार को अमावस्या का शुभ संयोग कम ही बनता है। हालाँकि 18 साल पहले ऐसा संयोग 30 अगस्त 2008 को बना था, जब भादौ में शनैश्चरी अमावस्या थी। अब दो साल बाद यानी 23 अगस्त 2025 को भाद्रपद महीने में शनैश्चरी अमावस्या का संयोग बनेगा। आपको बता दें कि भादौ की शनैश्चरी अमावस्या 26 अगस्त को सुबह तकरीबन 11:20 से शुरू होगी जो शनिवार को दोपहर करीब 1:45 तक रहेगी। जी दरअसल भाद्रपद महीने में अमावस्या तिथि पर तीर्थ और पवित्र नदियों के पानी से नहाने का महत्व ग्रंथों में बताया गया है। वहीं पद्म, मत्स्य और स्कंद पुराण में अमावस्या तिथि को पर्व कहा गया है, इस वजह से इस दिन तीर्थ या पवित्र नदियों के पानी से नहाने से हर तरह के दोष दूर हो जाते हैं। भूल से भी घर में नहीं लगाने चाहिए ये पौधे वरना रहता है आत्माओं का साया हमेशा याद रखे पूजा के आसान को इस्तेमाल करने के ये नियम वरना नहीं मिलेगा पूजा का फल आज है अजा एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और व्रत के नियम