प्लास्टिक का कचरा हर किसी के लिए हानिकारक हो सकता है. हाल ही में इसकी जानकारी सामने आई है जिसके बारे में बताने जा रहे हैं. बता दें, गुरुवार को साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित एक शोध से इस बात का खुलासा हुआ है कि हिंद महासागर में स्थित कोकोस (कीलिंग) द्वीप समूह के बीचों पर 10 लाख जूते और 3 लाख 70 हजार टूथब्रश मिले. बता दें, कुल मिलाकर यहां से 41 करोड़ 40 लाख प्लास्टिक पीस मिले. यह द्वीप समूह पर घूमने गए लोगों द्वारा गंदगी फैलाए जाने की कहानी बयां करता है. इससे जीवों को नुकसान होता है. ऑस्ट्रेलिया के अधिकार में आने वाले इस द्वीप समूह से 238 टन प्लास्टिक इकट्ठा किया गया. जबकि द्वीप समूह पर महज 500 लोग ही रहते हैं. प्रमुख शोधकर्ता जेनिफर लावर्स के मुताबिक, द्वीपों से मिला ज्यादातर कूड़ा एक बार इस्तेमाल किया जाने वाला आइटम मसलन बॉटल के ढक्कन, स्ट्रॉ (नली), जूते-सैंडल्स मिले. इस बारे में जेनिफर कहती हैं, ‘‘हमारे समुद्रों में प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. निर्जन द्वीप पर कचरा फैलाने की सबसे बढ़िया जगह हैं. यही कूड़ा समुद्र में जाकर पूरी दुनिया में घूमता रहता है.’’ इस बारे में रिसर्च भी हुई थी. जेनिफर और उनकी टीम ने 2017 में बताया था कि प्रशांत महासागर में स्थित हैंडरसन द्वीप में दुनिया का सबसे ज्यादा प्लास्टिक मलबा था. कोकोस में हैंडरसन की तुलना में कचरे का घनत्व कम निकला. लेकिन हैंडरसन पर प्लास्टिक के महज 3 करोड़ 80 लाख पीस मिले, जिनका वजन 17 टन था. यह कोकोस पर मिले कचरे से काफी कम है. जेनिफर की सहयोगी विक्टोरिया यूनिवर्सिटी की एनेट फिंगर का कहना है- एक आकलन के मुताबिक 2010 तक समुद्रों में एक करोड़ 27 लाख टन प्लास्टिक पहुंच चुका है. यह है दुनिया का सबसे अनोखा रेस्टोरेंट, किसी हवाई जहाज की तरह है नजारा बड़े काम की है कूड़े में डालने वाली यह चीज, फयदे जानकर उड़ जाएंगे होश भारत का सबसे चर्चित पुल, जिसका आज तक नहीं हुआ उद्घाटन