ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन(Scott Morrison) ने अपने बयान में कहा कि इंडो पैसिफिक इलाके में भौगोलिक दावों को लेकर तेजी से तनाव बढ़ रहा है और इसका ताज़ा उदाहरण हाल ही में हुए भारत-चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख में हुई झड़प है। ऑस्ट्रेलिया के 2020 डिफेंस स्ट्रेटेजिक अपडेट की जानकारी देते हुए ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन ने कहा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में क्षेत्रीय दावों को लेकर तनाव बढ़ रहा है,जो हाल ही में हमने भारत और चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन के बीच विवादित सीमा पर देखने को मिला है। इसके साथ ही प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया आने वालो अगले 10 सालों में रक्षा खर्च में 40% की बढ़ोतरी करेगा, जो लंबी दूरी के सैन्य साजो सामान खरीदेगा जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर केंद्रित होगा। चीन के साथ तनाव को बढ़ाने को लेकर अपने धमकी देने वाले भाषण में मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया अगले 10 सालों में हवाई, समुद्र और भूमि पर लंबी दूरी की क्षमताओं का अधिग्रहण करने के लिए 270 बिलियन डॉलर (186.5 बिलियन डॉलर) खर्च करेगा। 2016 में ऑस्ट्रेलिया ने अगले 10 वर्षों में 195 बिलियन डॉलर खर्च करने का वादा भी उनके द्वारा अपने भाषण में किया गया । मॉरिसन ने आगे बताते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया भी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भी अपना ध्याना केंद्रित करना होगा। वही आगे मॉरिसन ने कैनबरा में एक भाषण में कहा कि हम इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को जबरदस्ती और आधिपत्य से मुक्त करना चाहते हैं। हम एक ऐसा क्षेत्र चाहते हैं, जहां पर सभी देश, बड़े-छोटे, व एक-दूसरे के साथ स्वतंत्र रूप से जुड़ सकें और अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानदंडों के अनुसार मार्गदर्शन कर सकें। हालाँकि अपने भाषण में मॉरिसन ने चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन इंडो पैसिफिक क्षेत्र के प्रति ऑस्ट्रेलिया के मंसूबों को एक संकेत के रूप में देखा जाता है कि आस्ट्रेलिया अमेरिका पर कम निर्भर रहे तथा बीजिंग के साथ अपने व्यवहार में अधिक मुखर रहे। अमेरिका ने किया दावा, रशियन मिलिट्री इंटेलीजेंस ने अमेरिकी सैनिकों को उतारा था मौत के घाट इस देश ने सुरक्षा पर 100 करोड़ डॉलर का खर्च करने का प्लान बना चीन को किया त्रस्त आखिर कैसे 2007 में T20 वर्ल्ड कप धोनी ने किया अपने नाम, मैनेजर लालचंद राजपूत ने किया खुलासा