नई दिल्ली: ऑटो एक्सपो में इलेक्टिक वाहनों की धूम है, भारतीय कार बाजार में आने वाला दौर काफी चुनौती भरा हो सकता है, खासकर इलेक्ट्रिक कारों. ऑटो एक्सपो में मारुति ने महज एक इलेक्ट्रिक कांसेप्ट ई-सर्वाइवर ही शोकेस किया है, जबकि टाटा व महिंद्रा ने एक दर्जन इलेक्ट्रिक कारों के कांसेप्ट को पेश करते हुए लोगों का ध्यान खींचा. मारुति के सीनियर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (सेल्स एंड मार्केटिंग) आरएस कलसी कहते हैं कि इलेक्ट्रिक कार को बनाना उतना मुश्किल नहीं है, जितना उसे लोगों से स्वीकार कराना, सबसे पहले तो बाजार को ही महंगी इलेक्ट्रिक कारों को स्वीकार करना होगा, देश में चार्जिग इंफ्रास्टक्चर को मजबूत करना होगा, इनके बगैर ग्राहक ई-कारों को स्वीकार नहीं करेगा, कार निर्माता होने के नाते हम इलेक्ट्रिक कारों को पेश तो कर सकते हैं, लेकिन क्या इतना ही काफी है, शायद नहीं, लिथियम बैट्रियों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाना बड़ा चैलेंज होगा. आरएस कलसी कहते हैं कि डीजल व पेट्रोल डलवाने में लगभग पांच मिनट का वक्त लगता है और इतने में ही गाडि़यों की कतारें लग जाती हैं, जबकि इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज होने में घंटों लगेंगे, ऐसे में उनके लिए पर्याप्त जगह कैसे उपलब्ध करवाई जाएगी, यह हमारे सामने बड़ी चुनौती होगी, हमारी इलेक्ट्रिक कारों पर पहली रिसर्च रिपोर्ट इसी साल अप्रैल में आ जाएगी, इसके बाद हम आगे के बारे में फैसला लेंगे.' ऑटो एक्सपो 2018: सब की नजर में छायी रही Lucat दिल खुश कर देंगी ऑटो एक्सपो में पेश हुई ये पांच लग्जरी कारें एक झलक में ही, इन विंटेज कारों के दीवाने हुए लोग