लॉकडाउन समाप्त होने के बाद ऑटो इंडस्ट्री कैसे पकड़ेगी गति ?

देशभर में कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जो लॉकडाउन लगा हुआ है उसके खत्म होने के बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को करोबार में स्थिरता के लिए सस्तें प्रोडक्ट्स, मेड इन इंडिया और ऑटोमेशन पर जोर देना होगा. नॉमुरा रिसर्च इंस्टीट्यूट कंसल्टिंग एंड सॉल्यूशन्स इंडिया की जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद ऑटो इंडस्ट्री को मजदूरों के प्लांट में ही रुकने, स्वास्थ्य सुविधाएं और सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही डिजिटलाइजेशन में निवेश करने जैसे कदम उठाने होंगे.

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इस मामले को लेकर नॉमुरा की रिसर्च के मुताबिक मौजूदा संकट देश के ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों के लिए एक मौका भी है ताकि वे ग्लोबल वैल्यू चेन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर चीन का विकल्प बन सकें. इसके लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाने की काफी जरूरत है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दुनियाभर में आर्थिक संकट को देखते हुए देश की मजबूत कंपनियां दूसरे देशों की फर्मों और टेक्नोलॉजी को खरीद सकती हैं. इसके चलते दूसरे देशों का विकल्प बनने के लिए स्थिति अधिक मजबूत होगी और मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ऑटो इंडस्ट्री के लिए राहत पैकेज की सिफारिश भी की गई है क्योंकि इस सेक्टर का इंडस्ट्रियल GPD में करीब 50 फीसद योगदान रहता है. डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तरीके से सबसे ज्यादा रोजगार देने वाली इंडस्ट्री भी यही है. कोविड-19 से पहले ऑटो इंडस्ट्री करीब डेढ़ साल से मंदी के दौर से गुजर रही है. रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर कोविड-19 का कहर साफ तौर पर दिख रहा है और आने वाले महीनों में इसका असर और देखने को मिलेगा.

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