संसद के मानसून सत्र का पहला दिन और फिर गूंज उठा अविश्वास प्रस्ताव आप भी जानिए आखिर है क्या अविश्वास प्रस्ताव जिसके कारण सदन में हंगामा जारी है . क्या है अविश्वास प्रस्ताव -विपक्ष द्वारा संसद में केंद्र सरकार को गिराने या कमजोर करने के लिए अविश्वास प्रस्ताव नाम का एक संसदीय प्रस्ताव रखा जाता है. यह प्रस्ताव संसदीय मतदान (अविश्वास का मतदान) द्वारा पारित या अस्वीकार किया जाता है. -गवर्नमेंट के विरूद्ध अविश्वास का प्रस्ताव तभी लाया जा सकता है, जब इसे सदन में करीब 50 सांसदों का समर्थन प्राप्त हो -मौजूदा स्थिति में मोदी गवर्नमेंट के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए एकजुट हुए सांसदों की संख्या 117 है - ऐसे में सदन में इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए पर्याप्त बहुमत है -अविश्वास प्रस्ताव को पेश करने के बाद इसे लोकसभा अध्यक्ष को स्वीकार करना होगा -यदि स्पीकर की ओर से इसे मंजूरी मिल जाती है तो 10 दिनों के अंदर इस पर सदन में चर्चा करनी होगी -चर्चा के बाद लोकसभा अध्यक्ष अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग करा सकता है -केंद्र गवर्नमेंट को गिराना विपक्ष के लिए कठिन है - ऐसा इसलिए क्योंकि गवर्नमेंट गिराने के लिए उन्हें कुल 269 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है -लेकिन सदन में अकेले भाजपा के पास ही बहुमत की 269 सीटों से भी ज्यादा सीटें मौजूद हैं -संसद में सबसे पहला अविश्वास प्रस्ताव अगस्त 1963 में तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू की गवर्नमेंट के विरूद्ध पेश किया गया था. इसे भी देखें - संसद के मानसून सत्र में वेंकैया ने किये दस भाषा में संवाद कटाक्ष: सदन में हंगामा भी जरुरी है भाई मानसून सत्र की हंगामेदार शुरुआत