नई दिल्ली: देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा है कि चुने गए प्रतिनिधियों को संसद और विधानसभाओं में स्वस्थ संवाद करना चाहिए और सदन में चर्चा के दौरान असंसदीय भाषा के प्रयोग से बचना चाहिए। गुजरात के नर्मदा जिले के अंतर्गत आने वाले केवडिया गांव में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के निकट टेंट सिटी में 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए महामहिम कोविंद ने कहा कि चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा सदन में असंसदीय भाषा के प्रयोग और अनुशासनहीनता से उनका चुनाव करने वाले लोगों की भावनाएं आहत होती हैं। महामहिम कोविंद ने कहा कि, "निर्वाचित प्रतिनिधियों से यह उम्मीद की जाती है कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों को लेकर प्रतिबद्ध रहेंगे। निर्वाचित प्रतिनिधियों और लोकतांत्रिक संस्थानों के लिये जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना सबसे बड़ी चुनौती है।" कोविंद ने आगे कहा कि, "मेरा मानना है कि देश के लोग उम्मीद करते हैं कि उनके निर्वाचित प्रतिनिधि संसदीय मान्यताओं का पूरा पूरा पालन करें। राष्ट्रपति कोविंद ने आगे कहा कि लेकिन जब उनके निर्वाचित प्रतिनिधि असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करते हैं या संसद अथवा विधानसभा में अनुशासनहीनता करते नजर आते हैं तो लोगों कि भावनाएं आहत होती हैं।" ऐसे में महामहिम ने प्रतिनिधियों को इस तरह की चीज़ों से बचने की सलाह दी है। एलेम्बिक फार्मा को टेस्टोस्टेरोन जेल के लिए USFDA की मिली स्वीकृति सीपीएसई ने एमएसएमई को अभूतपूर्व खरीद का किया भुगतान टैक्रोलिमस कैप्सूल यूएसपी ने ल्यूपिन द्वारा अमेरिकी बाजार में किया लॉन्च