विदेशों में कहर बरपाने के पश्चात् भारत में हुई कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट एवाई.4.2 की एंट्री ने समस्या बढ़ा दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को बताया कि एक्सपर्ट्स का एक सरकारी पैनल कोरोना संक्रमण के सबवेरिएंट, एवाई.4.2 पर निगरानी बनाए हुए है. कोरोना के इस वेरिएंट की वजह से यूनाइटेड किंगडम में कोरोना संक्रमण से संक्रमित होने वाले व्यक्तियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. मंडाविया ने बताया, ‘एक टीम नए कोरोना वैरिएंट AY.4.2 की जांच कर रही है. ICMR एवं NCDC की टीमें भिन्न-भिन्न वेरिएंट की स्टडी एवं विश्लेषण कर रही हैं.’ अभी यह कितना संक्रामक है इस पर बयान देना जल्दबाजी होगा. इसलिए इसके वेरिएंट का टेस्ट होने दें. वही यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने बीते हफ्ते कहा था कि वह AY.4.2 की जांच कर रही है क्योंकि यह संभवतः डेल्टा के मुकाबले ज्यादा प्रभावी है, हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं प्राप्त हुआ जिससे ये बताया जा सके कि इस वेरिएंट से ज्यादा गंभीर बीमारी हुई या इस वेरिएंट पर टीकों का कोई प्रभाव नहीं रहा. इसे डेल्टा प्लस वेरिएंट भी बताया जा रहा है क्योंकि ये डेल्टा वेरिएंट का ही सब-लीनिएज है. क्या है कोरोना का नया वेरिएंट? न्यूकैसल में नॉर्थम्ब्रिया यूनिवर्सिटी के मैथ्यू बैशटन एवं डैरेन स्मिथ ने बताया कि अब तक कोरोना संक्रमण के 75 AY लीनिएज की पहचान की गई है, जिनमें से हर के जीनोम में भिन्न-भिन्न अतिरिक्त परिभाषित जीनोम पाए गए हैं. इस नए वैरिएंट की वजह से ब्रिटेन में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. बीते 28 दिनों में 63 फीसदी नए मामलों में ये वेरिएंट पाया गया है. पिछले तीन से चार दिनों से ब्रिटेन में इस वेरिएंट के 50 हजार से ज्यादा संक्रमित पाए गए हैं. ऐसे में इस नए वेरिएंट ने फिर से कोरोना से निपटने के संघर्ष को चुनौतीपूर्ण बना दिया है. दरअसल, डेल्टा वेरिएंट के एक सब-लीनिएज का प्रस्तावित नाम एवाई.4.2 है, जिसमें दो जेनेटिक म्यूटेशन वाई 145एच तथा ए222वी पाए गए हैं, जो कि स्पाइक प्रोटीन को प्रभावित करते हैं. जुलाई 2021 में यूके के विशेषज्ञों ने एवाई.4.2 की पहचान की थी. एवाई.4.2 से संक्रमित होने वालों का आँकड़ा निरंतर बढ़ रहा है तथा कुछ यूरोपीय देशों जैसे डेनमार्क, जर्मनी एवं आयरलैंड में भी इस वेरिएंट को देखा गया है. क्या इस वेरिएंट से चिंतित होने की आवश्यकता है? कई यूरोपीय देशों में इस वेरिएंट की एंट्री होने के बाद, AY.4.2 जर्मनी एवं आयरलैंड में अपनी पकड़ बनाने में नाकाम रहा है. हालांकि यह डेनमार्क में भी सुस्त है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी क्षमता डेल्टा के मुकाबले ज्यादा नहीं है. ऐसे में इसके अधिक फैलने की संभावना कम है. हालांकि, अभी यह बोलना जल्दबाजी होगी कि कोरोना संक्रमण के ये नया वेरिएंट अगला हावी होने वाला वेरिएंट सिद्ध होगा. क्योंकि डेल्टा वेरिएंट के सब-लिनियेज AY.4.2 के फैलने की दर डेल्टा से ज्यादा होने का कोई सबूत नहीं प्राप्त हुए हैं. क्यों नहीं मिलनी चाहिए आर्यन को बेल? HC में NCB ने दी ये दलील, रिया केस का भी हुआ जिक्र 'मोदी सरकार ने पाकिस्तान से हरवाया मैच, ताकि उसे वोट मिलें..', राकेश टिकैत का क्रिकेट ज्ञान श्राद्ध कार्यक्रम में युवक का तमंचे पर डिस्को, वीडियो वायरल होने के बाद हुआ गिरफ्तार