नई दिल्लीः देश के सबसे बहुप्रतिक्षित मुकदमों में शुमार और करोड़ों लोगों के आस्था से जुड़े अयोध्या राम जन्मभूमि केस की सुनवाई आज पूरी हो सकती है। सीजेआई रंजन गोगोई ने साफ कहा दिया है कि बुधवार को मामले की सुनवाई का 40वां और अंतिम दिन है। आज एक घंटा मुस्लिम पक्षकार जवाब देंगे। चार पक्षकारों को 45-45 मिनट मिलेंगे। मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर भी बुधवार को ही सुनवाई हो सकती है। इससे पहले शीर्ष अदालत में 39वें दिन अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने कहा है कि वर्ष 1526 में मंदिर ढहाकर मस्जिद बनाई गई थी। ऐसा करके बाबर ने खुद को सभी नियम-कानून से ऊपर रख लिया। उसके कृत्य को कानून नहीं बताया जा सकता। बाबर ने जो ऐतिहासिक भूल की उसे सुधारने की जरूरत है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच के रुख से इस बात की पूरी संभावना है कि दशकों पुराने इस मामले की सुनवाई बुधवार को पूरी हो सकती है और फैसला सुरक्षित रखा सकता है। मुख्य न्यायाधीश की की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष हिंदू पक्ष की ओर से पेश पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ वकील के परासरन ने कहा, बाबर राजा नहीं, आक्रांता था। दोनों में फर्क होता है। आक्रांता को भारत के स्वर्णिम इतिहास को खत्म करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। कोर्ट के पास ऐतिहासिक गलती सुधारने का मौका है, क्योंकि अयोध्या में मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। परासरन ने कहा, विदेशी आक्रांता भारत में आकर यह दावा नहीं कर सकता कि मैं ‘बादशाह बाबर’ हूं और मेरा हुक्म कानून है। ऐसा उदाहरण नहीं जब हिंदू भारत के बाहर कब्जा करने गए हों, जबकि उनके पास अति शक्तिशाली शासक थे। यूपी में भाजपा जिलाध्यक्ष पर बदमाशों ने की फायरिंग, कार के नीचे छिपकर बचाई जान छुट्टी ना मिलने से तंग आए दीवान ने खाया ज़हर, शुरू हुई जांच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फिर दी इशारों में कमलनाथ सरकार को चुनौती, जानें मामला