नई दिल्‍ली: छह अगस्‍त से अयोध्‍या मामले की सर्वोच्च न्यायालय में नियमित सुनवाई हो रही है। गुरुवार को सुबह 10:30 बजे फिर मामले की सुनवाई होगी। इससे पहले बुधवार को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ की तरफ से न्यायाधीश बोबड़े ने श्रीरामलला विराजमान के वकील के परासरन से पूछा कि जिस तरह राम का मामला शीर्ष अदालत में आया है क्‍या कहीं और किसी अन्‍य भगवान का मामला आया है? न्यायमूर्ति बोबडे ने पुछा की क्या जीसस यानी ईसा मसीह, बेथलहम में पैदा हुए इस पर किसी अदालत में सवाल उठा था? रामलला के वकील ने कहा कि वह इस पर चेक कराके जवाब देंगे। इससे पहले के परासरन ने श्रीरामलला विराजमान का पक्ष रखते हुए अदालत में कहा कि लोगों का विश्‍वास और मान्‍यता है कि राम वहां विद्यमान हैं और ये अपने आप में ठोस सबूत है कि वो राम की जन्मस्थली है। ब्रिटिश शासन में भी जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने विभाजन किया था तो उस जगह को मस्जिद की बजाय, रामजन्म स्थान का मंदिर माना था। अंग्रेजों के ज़माने के फैसले में भी वहां बाबर की बनाई मस्जिद के स्थान पर राम जन्मस्थान का उल्लेख किया गया था। आपको बता दें की सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस मामले में मध्यस्थता से समाधान करने की कोशिश की थी, लेकिन इस प्रयास के विफल होने के बाद अदालत ने रोजाना सुनवाई कर निर्णय देने का फैसला किया। करेंसी को लेकर अमेरिका और चीन में बढ़ा तनाव इस कंपनी ने देश में 5,500 पेट्रोल पंप खोलने का किया ऐलान देश में बढ़ रही हैं भ्रामक विज्ञापनों की संख्या