अयोध्या में होगा राम और शिव का मिलन, भूमि पूजन में 'काशी' से भेजी जाएगी गंगा की मिट्टी

वाराणसी: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का उत्साह राम भक्तों से लेकर शिव भक्तों में भी अपने चरम पर है. वाराणसी में तो काशी और अयोध्या के मिलन की तैयारियां जोरशोर से चल रही है. दरअसल, अयोध्या के राम मंदिर में शिव की नगरी वाराणसी की मिट्टी को समाहित करने की तैयारी चल रही है.

5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन होने वाला है. देश के पीएम नरेंद्र मोदी स्वयं इस भूमि पूजन समारोह में शामिल होने जा रहे हैं. ऐसे में राम के आराध्य भगवान शिव की नगरी भी इस कार्यक्रम को लेकर बेहद खुश है. काशी से काशी विद्वत परिषद भी इस समारोह में शामिल हो रही है. ऐसे में बाबा भोलेनाथ के भक्त, श्री राम के लिए उनके आराध्य शिव की नगरी काशी से गंगा की मिट्टी अयोध्या भेज रहे हैं, ताकि भूमि पूजन में गंगा की मिट्टी को शामिल किया जा सके.

दरअसल भगवान राम जब कोई कार्य का शुभारंभ करते थे तो सबसे पहले भोलेनाथ की पूजा करते थे. ऐसे में काशी में गंगा किनारे की विश्व विख्यात गंगा आरती कराने वाली संस्था गंगा सेवा निधि ने गंगा से मिट्टी निकालकर बाकायदा उस पर श्री राम का नाम लिखा और मिट्टी का मंत्रोचार करते हुई आरती पूजन किया. अब इस मिट्टी को वो काशी विद्वत परिषद के सुपुर्द करेंगे, ताकि विद्वत परिषद इस मिट्टी को भूमि पूजन में अयोध्या के उस धरती पर जहां राम मंदिर की आधारशीला रखी जा रही है, वहां इसका मिश्रण करे.

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