अयोध्या: राम मंदिर के पूरे परिसर का निर्माण भले ही 2025 तक संपन्न होने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन भक्तों के लिए खुशी की बात ये है कि वो दिसंबर 2023 से ही राम मंदिर में पूजा कर सकेंगे। मंदिर परिसर में ही म्यूजियम, डिजिटल आर्काइव और एक रिसर्च सेंटर भी बनाया जाएगा। म्यूजियम और आर्काइव के जरिए लोग अयोध्या और राम मंदिर के इतिहास के संबंध में जान सकेंगे। इसके साथ ही यहाँ हिंदू संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। 2025 तक भव्य राम मंदिर बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा। गर्भ गृह में भगवान राम अपने बाल रूप में विराजमान होंगे, किन्तु पहली मंजिल पर राम का दरबार होगा। जिसमें श्रीराम के साथ माता सीता भी विराजमान रहेंगी। 15 सितम्बर तक राम मंदिर के प्लिंथ से पहले तक का कार्य संपन्न हो जाएगा। पूरा परिसर 110 एकड़ का होगा। राम मंदिर परिसर का प्रमुख मंदिर पूरी तरह से स्टोन का बनेगा। राम मंदिर परिसर के निर्माण पर तक़रीबन 1000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट को दान के रूप में अभी तक तक़रीबन 3000 करोड़ रुपए प्राप्त हो चुके हैं। राम मंदिर निर्माण में स्टील का उपयोग नहीं होगा। मंदिर में स्टील के स्थान पर कॉपर का इस्तेमाल किया जाएगा। कार सेवक पुरम में तराशे गए पत्थरों में से 70 फीसदी का उपयोग होगा। बाकी पत्थर राजस्थान के बंशी पहाड़पुर से मँगाए जाएँगे। देशभर में जारी हुए पेट्रोल-डीजल के दाम, जानिए आज का भाव आधुनिक हिंदी साहित्य ने यूरोप को पीछे छोड़ दिया: प्रो. ऐनुल हसन टाटा मोटर्स ने पेश किया नया वैरिएंट टियागो एनआरजी, जानिए क्या है इसकी कीमत