अयोध्या: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई भूमि पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जमीन की खरीद में घोटाले का आरोप लगाया गया है. अयोध्या के पूर्व MLA और समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार में राज्य मंत्री रहे तेज नारायण पांडे उर्फ पवन पांडे ने प्रेस वार्ता करते हुए इस मामले पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि 2 करोड़ में भूमि का बैनामा हुआ और उसी दिन फिर साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट हुआ. एग्रीमेंट और बैनामा दोनों में ही ट्रस्टी अनिल मिश्रा और मेयर ऋषिकेष उपाध्याय गवाह हैं. 18 मार्च 2021 को ही लगभग 10 मिनट पहले बैनामा भी हुआ और फिर एग्रीमेंट भी, जिस भूमि को दो करोड़ में खरीदा गया, उसी का 10 मिनट बाद साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट क्यों हुआ? पवन पांडेय ने सवाल उठाए हैं कि मिनटों में ही 2 करोड़ की कीमत की भूमि साढ़े 18 करोड़ कैसे हो गई? उन्होंने कहा कि राम मंदिर के नाम पर भूमि खरीदने के बहाने राम भक्तों को ठगा जा रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि जमीन खरीदने का सारा खेल महापौर और ट्रस्टी को मालूम था. इस पूरे मामले की CBI जांच होनी चाहिए. पवन पांडे का दावा है कि 17 करोड़ RTGS किया गया, किन-किन अकाउंट से भुगतान हुआ, इसकी भी जांच होनी चाहिए. प्रभु श्री राम के नाम पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार हो रहा है.12080 वर्ग मीटर यानि 1.208 हेक्टेयर भूमि का बैनामा और एंग्रीमेंट हुआ बाबा हरिदास ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को बेचा और उसी को ट्रस्ट ने खरीदा.10 मिनट में भूमि की कीमत 16 करोड़ बढ़ गई. सरकार ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के डेटा उल्लंघन से किया इंकार धर्मेंद्र प्रधान ने कल्याणकारी योजनाओं पर सरकारी खर्च का हवाला देते हुए ईंधन की ऊंची कीमतों का किया बचाव रमेश पोखरियाल का बड़ा बयान, कहा- "शिक्षा मंत्रालय ने समग्र शिक्षा योजना के तहत 7,622 करोड़ रुपये किए जारी..."