हिंदुओं के परम पूज्य भगवान राम की नगरी में श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने ट्रस्ट के सदस्यों व निर्माण क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ मंदिर निर्माण की चरणबद्ध कार्ययोजना पर गहन मंत्रणा की. उनके साथ नेशनल बिल्डिंग कॉन्स्ट्रक्शन कॉर्पोरशन के सेवानिवृत्त चेयरमैन व लार्सन एंड टुब्रो के सीनियर इंजीनयर भी मौजूद थे. Delhi Violence: लोगों के दिलों में एक ही सवाल कौन है इशरत जहां आपकी जानकारी के लिए बता दे कि विशेषज्ञों ने परिसर की सुरक्षा व निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर गंभीर चर्चा की. इसके बाद तय किया गया कि स्थायी मंदिर के गर्भगृह के 50 फीट नीचे तक की मिट्टी की जांच करा कर यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि यह भूमि कितना लोड सहन कर सकती है. यहां की मिट्टी के नमूने एकत्र करने और रिपोर्ट आने में लगभग 15 दिन का वक्त लगेगा रिपोर्ट आने के बाद तय किया जाएगा कि वहां पर कितने पत्थरों का इस्तेमाल किया जाए. पीएम मोदी ने दी नितीश को जन्मदिन की बधाई इसी कड़ी में मंदिर के अलावा वहां होने वाले अन्य निर्माण कार्यों के बारे में भी प्राथमिकताएं सुनिश्चित करने पर चर्चा हुई है. मसलन, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिहाज से परिसर में क्या क्या इन्तजाम जरूरी हैं. प्रवेश और निकास मार्ग को लेकर भी माथापच्ची के बाद यह तय किया गया कि सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रख कर ही कदम बढ़ाए जाएंगे. रामनवमी के पहले वैकल्पिक गर्भगृह में रामलला की शिफ्टिंग को लेकर मीटिंग में सर्वानुमति पाई गई. तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अगली मीटिंग की तिथि दो तीन दिन में फाइनल हो जाएगी. मीटिंग के पहले सिक्योरिटी क्लीयरेंस और मृदा परीक्षण की रिपोर्ट आ जाएगी. दिल्ली हिंसा पर बोले किशन रेड्डी, साजिश कर्ताओं के असली चेहरे आ सकते है सामने 'सामना' को मिला नया एडिटर, ठाकरे परिवार में खुशी की लहर केरल की विधानसभा बनी E Assembly, अब सत्र के दौरान होगी चैटिंग