लखनऊ: रामनगरी अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन के साथ उत्तर प्रदेश की वैश्विक पहचान एवं इकोनॉमिक को एक नया रूप प्राप्त होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं. इस अवसर पर प्रदेश या केंद्र सरकार की तरफ से एहतियातन किसी नई विकास योजना की घोषणा तो नहीं की गई. किन्तु पीएम नरेंद्र मोदी एवं सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिस प्रकार इस क्षेत्र के डेवलपमेंट की रूपरेखा का संकेत किया है, उससे अवध व उसके समीप के इलाको की आर्थिक प्रगति का मार्ग खुलता हुआ नजर आ रहा है. जिस प्रकार आगरा एक पर्यटन केंद्र के तौर पर विख्यात होकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तीसरे पायदान का योगदान कर रहा है, उसी प्रकार अयोध्या उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का नया सेंटर बन सकता है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश की इकोनॉमिक में अयोध्या का योगदान नाम मात्र का है. राज्य में जब भी इन्वेस्टमेंट एवं अर्थव्यवस्था की बात होती है, तो अक्सर लोग एक बात कहते सुने जाते हैं कि विश्व के लोग ताजमहल के कारण आगरा को तो जानते हैं, किन्तु उन्हें यह तक पता नहीं कि ताजमहल उत्तर प्रदेश में है. परन्तु बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस प्रकार दिव्य एवं विशाल राम मंदिर के निर्माण की बात की, प्रभु श्री राम के संदेश को पूरी विश्व में पहुंचाने पर बल दिया, राम मंदिर को संस्कृति का डिजिटल प्रतीक बताया. साथ ही अयोध्या की विशालता के साथ अर्थतंत्र परिवर्तित का संदेश दिया, उससे स्पष्ट संकेत प्राप्त होता है, कि आने वाले दिनों में राम मंदिर राज्य को वैश्विक पटल पर रुपरेखा बना सकता है. आगरा और वाराणसी के प्रकार अयोध्या टूरिस्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और इन्वेस्टमेंट के बड़े केंद्र के तौर पर स्थापित हो सकता है. इसी के साथ राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या की पूरी रूप रेखा बदल जाएगी. गोवा में कोरोना की गिरी बाज, बढ़ गई संक्रमितों की तादाद सरयू नदी में नाव पलटने से बच्चों समेत बड़ों की मौत पश्चिम बंगाल में कोरोना ने पसारे अपने पाँव, बढ़ने लगा संक्रमण का आंकड़ा