भोपाल: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर, पं. धीरेंद्र शास्त्री की शादी की चर्चा इन दिनों खासा सुर्खियों में है। यह खुलासा खुद उनके गुरु, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने किया। उन्होंने बताया कि धीरेंद्र शास्त्री की शादी को लेकर लोग लगातार सवाल पूछ रहे हैं, और उनके गुरु होने के नाते वह इस विषय पर खुलकर बात करना चाहते हैं। रामभद्राचार्य ने कहा कि पहले वह इस विषय पर कंफ्यूज थे कि धीरेंद्र शास्त्री की शादी करानी चाहिए या नहीं, लेकिन अब यह तय हो चुका है कि जल्द ही उनकी शादी करानी पड़ेगी, क्योंकि लोगों की बढ़ती मांग को देखते हुए यह कदम उठाना जरूरी हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने यह संकेत भी दिया कि बहुत जल्द किसी उपयुक्त और योग्य लड़की को देखकर धीरेंद्र शास्त्री की शादी कर दी जाएगी। इस सिलसिले में रामभद्राचार्य ने अपने स्वास्थ्य के बारे में भी अहम बयान दिया। उन्होंने बताया कि जब वह बीमार पड़ते हैं तो उनके शुभचिंतक और अनुयायी चिंतित हो जाते हैं, मगर उन्होंने अपने समर्थकों को भरोसा दिलाया कि वह जल्द ही नहीं मरने वाले। रामभद्राचार्य ने यह दावा किया कि वह 2500 साल तक जीवित रहेंगे। उनका यह बयान उनके जीवन को लेकर आ रही अफवाहों को शांत करने का प्रयास था, और उन्होंने अपने अनुयायियों को यह स्पष्ट किया कि उनके शरीर की उम्र लंबी होगी। इस वक्त रामभद्राचार्य मध्य प्रदेश के ओरछा में हैं, जहां पर उनका शिष्य पं. धीरेंद्र शास्त्री 'सनातन हिंदू एकता यात्रा' में भाग ले रहे थे। वही इस यात्रा के दौरान, रामभद्राचार्य ने हिंदू समाज के बीच एकता की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू समाज अलग-अलग बंटा रहेगा, तो इसका नुकसान होगा, और एकता ही उसकी शक्ति है। रामभद्राचार्य का यह संदेश था कि हिंदू समाज को अपनी शक्ति को पहचानते हुए एकजुट रहना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से इस बात को रेखांकित किया कि यदि हिंदू समाज में बंटवारा होगा, तो वह कभी भी अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को सही से नहीं स्थापित कर पाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि “बटेंगे तो कटेंगे, और एक हैं तो सेफ हैं,” जो यह संदेश देता है कि समाज को एकजुट होकर रहना चाहिए। इसके साथ ही रामभद्राचार्य ने एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब “ओम शांति शांति” के नारे को बंद कर दिया जाएगा और इसकी जगह पर "ओम क्रांति क्रांति" का नया नारा उठाया जाएगा। उनका मानना था कि समय की आवश्यकता के अनुसार क्रांति का नारा ज्यादा प्रभावी होगा, क्योंकि समाज में बदलाव लाने के लिए क्रांति जरूरी है। धीरेंद्र शास्त्री इस यात्रा के दौरान रथ पर सवार होकर यात्रा में शामिल हुए थे, और उन्होंने रामभद्राचार्य का आशीर्वाद लिया। रामभद्राचार्य ने हिंदू समाज में जात-पात के भूत को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि जात-पात का भूत अब बहुत बढ़ चुका है, और यह हिंदू समाज के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि इस भूत को भगाने की जिम्मेदारी उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को सौंपी है, और वह इस काम को गंभीरता से निभा रहे हैं। रामभद्राचार्य का विश्वास था कि वह दिन दूर नहीं जब हिंदू समाज जात-पात के नाम पर विभाजित नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि धीरेंद्र शास्त्री की कोशिशों से समाज में इस मुद्दे पर जागरूकता आएगी और धीरे-धीरे जातिवाद खत्म होगा। 'मस्जिदों में मंदिर के दावों की सुनवाई ही ना हो..', सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल अब पूर्व CJI पर भड़के मुस्लिम संगठन, बोले- उनके कारण हो रहे मस्जिदों के सर्वे ‘फेसबुक वाली लड़की’ ने कर दिया ऐसा कांड, मामला जानकर काँप उठेगी रूह