पटना: भाजपा से गठबंधन तोड़ बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिलकर एक बार फिर सरकार बना ली है। किन्तु इस बार उनका लक्ष्य पहले से बड़ा है, वह 2024 के चुनावों के लिए जहां विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं, वहीं उनकी पार्टी निरंतर उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बता रही है। इस बीच बिहार की सत्ता में उनकी सहयोगी राजद के नेता शिवानंद तिवारी के एक बयान पर बड़ी चर्चा हो रही है। वही हाल ही में पार्टी की राज्य परिषद की बैठक के चलते राजद के प्रमुख नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार आश्रम खोलकर राजनीतिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने की बात कहते रहे हैं। इसलिए हम उन्हें याद दिला रहे हैं कि 2025 में आश्रम खोलिए तथा तेजस्वी यादव को सीएम बनवाइए। उसके बाद वह भी उनके साथ आश्रम चले जाएंगे तथा राजनीतिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देंगे। वही अब इस पर शिवानंद तिवारी को जवाब दिया है जेडीयू के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने। उन्होंने कहा, ''बाबा, नीतीश कुमार अभी आश्रम नहीं खोलने वाले हैं। करोड़ों देशवासियों की दुआएं उनके साथ है, जो चाहते हैं कि नीतीश जी सत्ता के ऊंचे से ऊंचे शिखर पर रहते हुए बिहारवासियों के साथ देशवासियों की सेवा करते रहें। मुझको लगता है अगर आपको आवश्यकता है, तो कोई और आश्रम की तलाश कर लेनी चाहिए।" हाल में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग हुई थी। इसमें पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका को लेकर कई लक्ष्य तय किए गए हैं। तत्पश्चात, नीतीश कुमार ने दिल्ली की यात्रा कर विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की थी। वहीं बाद में उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने 2024 में नीतीश कुमार के यूपी के मिर्जापुर या फूलपुर से चुनाव लड़ने की बात को हवा दी थी। इस प्रकार कई अवसरों पर जेडीयू बार-बार नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करती रही है। राजनीति में होगी उद्धव के छोटे बेटे की एंट्री! आदित्य ठाकरे ने बताया सच देश के लिए गंभीर ख़तरा हैं रोहिंग्या.., कोर्ट में भारत सरकार का हलफनामा यदि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बने, तो कौन होगा राजस्थान का CM ?