इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी श्री रणजीत हनुमान जी विशाल प्रभात फेरी निकाली गई। लगातार 138 वर्षों से यह प्रभात फेरी निकाली जा रही है। एक समय में कुछ भक्त ही बाबा की तस्वीर हाथ में लिए मंदिर की परिक्रमा करते थे। आज इस प्रभात फेरी ने विशाल रूप लेते हुए प्रदेश ही नहीं देश भर में अपनी एक पहचान बना ली है। प्रभात फेरी में शामिल होने के लिए लोग प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आज इंदौर पहुंचे है। पुरे शहर में प्रभात फेरी को लेकर लोगों में काफी उत्साह नजर आया। चार दिवसीय रणजीत अष्टमी उत्सव में पहले दिन दिनांक 20 दिसंबर 2024 को इंदौर कलेक्टर के द्वारा ध्वजारोहण कर उत्सव की शुरुआत की गई। 21 दिसंबर 2024 को दीपोत्सव से मंदिर सजाया गया और भजन संध्या का आयोजन हुआ। 22 दिसंबर 2024 को यंत्र सिद्धि एवं बाबा का महाअभिषेक किया गया और 23 दिसंबर 2024 को विशाल प्रभात फेरी निकाली गई। भव्य पुष्प बंगला और 56 भोग के साथ सुख समृद्धि एवं कष्ट निवारण रक्षा सूत्र का निःशुल्क वितरण भी किया गया। आज पौष कृष्ण पक्ष की अष्टमी सोमवार पर रणजीत हनुमान मंदिर से बाबा की प्रभातफेरी सुबह पांच बजे निकली जो की साढ़े चार किलोमीटर मार्ग पर भ्रमण कर पुनः मंदिर लौटी यात्रा का जगह जगह भव्य स्वागत किया गया। शहर के लोगों की बाबा रणजीत के प्रति अपार श्रद्धा है। बाबा की एक झलक देखने के लिए करीब पांच लाख लोगों ने प्रभात फेरी में हिस्सा लिया। प्रति वर्ष यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। सुबह से ही यात्रा मार्ग पर जनसैलाब उमड़ा चूका था, यात्रा मार्ग रोशनी में नहाया हुआ था। बाबा के स्वागत के लिए सैकड़ो स्वागत मंचों लगाए गए थे जहां पर हनुमान जी का भव्य स्वागत सत्कार हुआ। मार्ग पर पुलिस प्रशासन के पुख्ता बंदोबस्त थे। जगह-जगह चाय-दूध, पोहा-जलेबी, समोसे-आलूबड़े, सेंव-मिक्चर, हलवा, कोल्ड्रिंक से लेकर मठरी पपड़ी के स्टॉल लगाए गए थे प्रभात फेरी में पहुंचे लोगों ने इसका लुत्फ़ भी लिया। पंडित दीपेश व्यास ने बताया की शुरुआती दौर में मंदिर से जुड़े भक्त मंडल पुजारी बाबा की तस्वीर लेकर परिक्रमा लगाते थे। इसके बाद वर्ष 1985 में प्रभातफेरी ठेले पर निकाली गई। जब यात्रा सिर्फ महूनाका चौराहा तक यात्रा निकाली जाती थी। वर्ष 2008 में बाबा की प्रभात फेरी बग्घी निकाली गई। वर्ष 2015 में पहली बार रथ पर प्रभातफेरी निकाली गई। आज यह यात्रा भव्य स्वरुप ले चुकी है और बाबा रणजीत स्वर्ण रथ में सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन देते है। प्रभात फेरी में झांकियां, बग्घी, रथ, भजन मंडलों के वाहन समेत ढोल ताशे आदि शामिल थे। पूरे यात्रा मार्ग को भगवा ध्वजा से सजाया गया। प्रभातफेरी मंदिर से महूनाका, अन्नपूर्णा मंदिर, नरेंद्र तिवारी मार्ग होते हुए पुनः मंदिर पहुंची। प्रभात फेरी में शहर भर के संत महंत चंल रहे थे। रथ के आगे भजन मंडलियां, डीजे और बेंड पार्टियों भजनों की प्रस्तुति दी जा रही थी। भजनों की धुन पर श्रद्धालु जमकर थिरके और जय श्री राम जय रणजीत के जयकारों के साथ पूरा मार्ग गुंजायमान हो गया। प्रभात फेरी में शहर के महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने भी हिस्सा लिया। नगर निगम की टीम द्वारा यात्रा के पीछे चलते हुए अपना सफाई अभियान भी जारी रखा और यात्रा में सहयोग कर शहर को स्वच्छ भी बनाए रखा। रणजीत भक्त मंडली ने यात्रा में अपना सहयोग कर आयोजन को सफल बनाया।